डीएमके में उदयनिधि स्टालिन का उदय, कितना सही है विपक्ष का परिवारवाद का आरोप

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन पहली बार 2021 में विधायक चुने गए थे. स्टालिन ने इसके डेढ़ साल बाद ही उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया था. अब उन्हें प्रमोट का राज्य का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया है.

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नई दिल्ली:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने पिता करुणानिधि की राह पर हैं. अपने पिता की तरह स्टालिन ने भी अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को राज्य का उपमुख्यमंत्री बना दिया है.स्टालिन के इस कदम पर किसी को बहुत अधिक आश्चर्य नहीं हुआ. इस बात की संभावना बहुत पहले से जताई जा रही थी. करुणानिधि ने एमके स्टालिन 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद उपमुख्यमंत्री बनाया था. युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री  उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे कारण बताया जा रहा है, मुख्यमंत्री के काम को बोझ को कम करना.इसके साथ ही इसे 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में भी देखा जा रहा है. 

उदयनिधि स्टालिन की राजनीति

उदयनिधि स्टालिन 2021 के चुनाव में चेन्नई की चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट से विधायक चुने गए थे. यह उनका पहला चुनाव था.यह सीट उदयनिधि की पार्टी डीएमके के लिए सबसे सुरक्षित सीट है.इस चुनाव के बाद प्रदेश में डीएमके की सरकार बनी.उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन मुख्यमंत्री बने.करीब डेढ़ साल बाद ही स्टालिन ने उदयनिधि को अपनी कैबिनेट में शामिल किया.उन्हें समाज कल्याण और खेल विकास विभाग का मंत्री बनाया गया.उदयनिधि जिस तरह से राजनीतिक तौर पर उभर रहे हैं,उसे देखते हुए लोग उन्हें तमिलनाडु का भावी मुख्यमंत्री बता रहे हैं. यह उदयनिधि का पहला चुनाव तो था, लेकिन वो राजनीति में 2019 के लोकसभा चु्नाव से पहले 2016 में ही सक्रिय होने लगे थे. इसे देखते हुए उन्हें 2019 में डीएमके की युवा शाखा का सचिव बनाया गया था.उदयनिधि ने युवाओं तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने के लिए पार्टी की विचारधारा पर आधारित कार्यशालाएं आयोजित कीं. तकनीक का इस्तेमाल कर पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़ाई.इससे पार्टी में उनका कद बढ़ता चला गया.  

उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दादा कुरुणानिधि के चित्र के आगे करुणानिधि.
Photo Credit: PTI

पिछले साल सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी से पहले उत्तर भारत की राजनीति में शायद ही कोई उदयनिधि को जानता हो. लेकिन टिप्पणी के बाद उनकी चर्चा उत्तर भारत में भी होने लगी. यह टिप्पणी उन्होंने तमिलनाडु में सितंबर 2023 में आयोजित संतानम उन्मूलन सम्मेलन में की थी. उनके एक भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. उनको यह कहते हुए सुना गया कि कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है. हम केवल विरोध नहीं कर सकते. मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है. सनातन धर्म को खत्म करना और उसका विरोध न करना हमारा पहला काम होना चाहिए.इस बयान को लेकर उदयनिधि के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए थे. 

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डीएमके में परिवारवाद

उदयनिधि की पदोन्नति देने का आशय यह लगाया जा रहा है कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां देकर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है.उन्हें तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के दौरान सरकार में भूमिकाएं सीखने के लिए तैयार किया जा रहा है. वहीं विपक्षी एआईडीएमके और बीजेपी ने इसे परिवारवाद का बेहतरीन उदाहरण बताया है. एआईडीएमके ने तो डीएमके के टुकड़े-टुकड़े हो जाने जाने तक की भविष्यवाणी तक कर दी है.

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द्रविड़ राजनीति करने वाले डीएमके में उदयनिधि का कोई विरोध नहीं करता है.डीएमके में परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले एमके स्टालिन पहले व्यक्ति नहीं हैं.परिवार को पार्टी में आगे बढ़ाने का काम उनके पिता एम करुणानिधि ने शुरू किया था.उन्होंने ने ही सबसे पहले अपने दोनों बेटों एम अलागिरी,एमके स्टालिन और बेटी कनिमोझी के लिए पार्टी के दरवाजे खोले थे.हालांकि उन्होंने यह तबतक नहीं होने दिया,जबतक वो शारीरिक रूप से सक्रिय रहे.इससे पहले उन्होंने परिवार को राजनीति से दूर रखा.पार्टी में स्टालिन को अपने बड़े भाई एमके अलागिरी से लड़ाई लड़नी पड़ी थी. पिता का साथ मिलने की वजह से स्टालिन को अलागिरी से निपटने में कोई दिक्कत नहीं हुई.अलागिरी को स्टालिन ने 2014 में गलतबयानी के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया. अब स्टालिन की पार्टी और सरकार पर पूरी पकड़ है.इसे देखते हुए इस बात की आशंका कम ही है कि डीएमके में कोई उदयनिधि का विरोध करेगा.

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कौन हैं उदयनिधि की पत्नी

उदयनिधि की शादी फिल्ममेकर किरुथिगा से हुई है. वो फैशन,प्रकाशन, फिल्म और डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाती हैं. वो 'इनबाक्स 1305' नाम की लाइफस्टाइल मैगजीन की संपादक भी हैं. उन्होंने 2018 में आई फिल्म 'काली' का निर्देशन किया था.उदयनिधि और उनके परिवार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.इनमें से एक है फिल्म उद्योग पर कब्जे का. तमिलनाडु में 2006 से 2011 तक डीएमके की सरकार थी.उस दौरान स्टालिन परिवार पर फिल्म निर्माण, वितरण और प्रदर्शन पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश करने के आरोप लगे थे.बाद के दिनों में ये आरोप सही भी साबित हुए हैं.उदयनिधि की 'रेड जायंट्स मूवीज'का तमिलनाडु फिल्म उद्योग में दबदबा है. 

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