भीषण गर्मी के इस मौसम को कुछ लोगों की दीवानगी आम का मौसम कहती है. बाजार में हर वैरायटी के आम उपलब्ध हैं. दशहरी से अलफॉन्सो और तोतापुरी से केसर तक आम के दीवाने इन्हें चखने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. हालांकि आम की एक किस्म की झारखंड में खूब चर्चा है. आम की यह किस्म मियाजाकी के नाम से जानी जाती है और इस आम को चखने के लिए आपको अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ सकती है, क्योंकि जापानी किस्म का यह आम दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है. इसकी कीमत ढाई से तीन लाख रुपये प्रति किलो तक भी हो सकती है.
आम के शौकीनों के लिए अब यह आम झारखंड में उपलब्ध है. यहां के एक किसान ने जून 2024 में 6 हजार रुपये खर्च कर मियाजाकी आम का पौधा मंगवाया था. 74 साल गणेश झा के लगाए इसे आम के पौधे में पहला फल आ गया है और यह करीब 300 ग्राम का हो चुका है. साथ ही देश के अलग-अलग इलाकों इस आम के उत्पादन की कई गंभीर गंभीर कोशिशें की जा रही हैं, जिसमें कुछ लोगों को सफलता भी मिल रही है.
कैसे पड़ा मियाजाकी नाम?
यह आम कीमत ही नहीं बल्कि अपने रंग-रूप के कारण दूसरे आमों से अलग है. इसका रंग सूर्योदय की लाली की तरह होता है. साथ ही अपनी असाधारण मिठास इसे बाकी आमों की किस्मों से अलग करती है. इसकी उत्पत्ति जापान के क्यूशू प्रांत के मियाजाकी में हुई थी. यही कारण है कि इसे मियाजाकी नाम दिया गया है.
जानिए क्यों है मियाजाकी खास
- 3 लाख रुपये प्रति किलो की कीमत
- पकने पर सूर्योदय की लाली जैसा रंग
- अंडाकार आकार, इसे एग ऑफ सन भी कहा जाता है
- जापान के क्यूशू प्रांत के मियाजाकी शहर में उगाए जाते हैं और इसी कारण इनका यह नाम पड़ा
- इन आमों का वजन 350 ग्राम से ज्यादा होता है
- इनमें शुगर की मात्रा 15% या उससे ज्यादा होती है.
- यह पकने से पहले बैंगनी रंग का होता है.
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड होता है.
कितना सही है 3 लाख रुपये का दावा
जापान की मैगजीन टोक्यो वीकेंडर के एक लेख के मुताबिक, अप्रैल 2023 में दो मियाजाकी आम 6 लाख जापानी येन (करीब 3.56 लाख रुपये ) में बिके थे. इसी लेख के मुताबिक, लो-क्वालिटी के मियाजाकी आम भी जापान के फैंसी सुपर मार्केट में 5,000 जापानी येन (करीब 3 हजार रुपये ) में बिकते हैं.
गुणवत्ता पर खरे ही बनते हैं "एग ऑफ सन"
जापान के मियाजाकी स्थानीय उत्पाद एवं व्यापार संवर्धन केंद्र के अनुसार मियाजाकी आम अप्रैल से अगस्त के बीच तैयार किए जाते हैं. स्थानीय रिपोर्टस के मुताबिक, 70 के दशक के अंत और 80 के दशक की शुरुआत में इन आमों का उत्पादन शुरू हुआ. शहर के गर्म, लंबे समय तक धूप और भरपूर बारिश ने मियाजाकी के किसानों के लिए इस आम की खेती को संभव बनाया. अब यह यहां की प्रमुख उपज है. इन आमों को देश में भेजने से पहले कड़ी जांच और परीक्षण से गुजरना पड़ता है. गुणवत्ता पर सबसे खरे उतरने वाले आमों को ही "एग ऑफ सन" कहा जाता है.