अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित धर्म ध्वजा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर पाकिस्तान की आलोचना का भारत ने बुधवार को कड़े तौर पर खंडन किया है. भारत ने कहा कि अल्पसंख्यकों के दमन के गहरे दागदार रिकॉर्ड वाले पड़ोसी देश के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने कथित टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं. एक ऐसे देश के रूप में जिसका अपने अल्पसंख्यकों के साथ कट्टरता, दमन और व्यवस्थित दुर्व्यवहार का गहरा दागदार रिकॉर्ड है."
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है. पाखंडी उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान को अपने भीतर झांककर अपने मानवाधिकारों के खराब रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."
पाकिस्तान ने मंगलवार को राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की आलोचना की थी. ये समारोह राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का प्रतीक था.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस समारोह पर चिंता व्यक्त की थी और बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव का प्रतिबिंब है.














