हमें ज्ञान ना दे पाकिस्तान... राम मंदिर कार्यक्रम पर PAK ने की बयानबाजी तो भारत ने लगाई फटकार

पाकिस्तान ने मंगलवार को राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की आलोचना की थी. ये समारोह राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का प्रतीक था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत ने पाकिस्तान की पीएम मोदी के राम मंदिर समारोह में शामिल होने की आलोचना को कड़े शब्दों में खारिज किया है
  • विदेश मंत्रालय ने कहा कि PAK के पास अल्पसंख्यकों के दमन के दागदार रिकॉर्ड हैं, उन्हें उपदेश देने का हक नहीं
  • पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर निर्माण को धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव बताया था.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित धर्म ध्वजा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर पाकिस्तान की आलोचना का भारत ने बुधवार को कड़े तौर पर खंडन किया है. भारत ने कहा कि अल्पसंख्यकों के दमन के गहरे दागदार रिकॉर्ड वाले पड़ोसी देश के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने कथित टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह से खारिज करते हैं. एक ऐसे देश के रूप में जिसका अपने अल्पसंख्यकों के साथ कट्टरता, दमन और व्यवस्थित दुर्व्यवहार का गहरा दागदार रिकॉर्ड है."

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है. पाखंडी उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान को अपने भीतर झांककर अपने मानवाधिकारों के खराब रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."

पाकिस्तान ने मंगलवार को राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की आलोचना की थी. ये समारोह राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का प्रतीक था.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस समारोह पर चिंता व्यक्त की थी और बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव का प्रतिबिंब है.

राम मंदिर के शिखर पर फहरायी धर्म ध्वजा

आपको बता दें कि मंगलवार को एक भव्य कार्यक्रम के बाद राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहरा दी गई. इस खास मौक पर पीएम मोदी भी अयोध्या में मौजूद थे. पीएम मोदी ने इस मौके पर भगवान श्रीराम को नमन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा था कि मुझे बहुत खुशी है कि राम मंदिर का ये दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की भी चेतना स्थली बन रहा है. यहां सप्त मंदिर बने हैं. माता शबरी का मंदिर जनजातीय समाज के प्रेमभाव और आतिथ्य की प्रतिमूर्ति है. निषादराज का मंदिर उस मित्रता का साक्षी है, जो साधन नहीं, साध्य को और उसकी भावना को पूजती है.

अहिल्या, वाल्मीकि, तुलसीदास और विश्वामित्र समेत कई मंदिर

उन्होंने कहा कि यहां माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य और संत तुलसीदास के मंदिर हैं. रामलला के साथ-साथ इन सभी ऋषियों के दर्शन भी यहीं पर होते हैं. यहां जटायु जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं, जो बड़े संकल्पों की सिद्धि के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं. ये ध्वज अपने आपमें खास है. ध्वज लगभग 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है, जिस पर कोविदार वृक्ष, सूर्यवंश का प्रतीक और ‘ॐ' अंकित है. इसे इलेक्ट्रिक सिस्टम से आरोहित किया गया. यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक माना जा रहा है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension: फिर चूके Congress नेता Prithviraj Chavan, Asim Munir का करने लगे गुणगान!