मंत्रियों ने संपत्तियों के मामले में ईडी को पक्षकार बनाने के आदेश पर कलकत्ता हाइकोर्ट से पुनर्विचार की मांग की

जनहित याचिका फरवरी 2017 में दाखिल की गई थी, जिस पर यह आदेश आया था. याचिका में 2011 से 2016 के बीच कुछ मंत्रियों और नेताओं की संपत्तियां बढ़ने के संबंध में जांच की मांग गई थी.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के जिन मंत्रियों को उनकी और कुछ अन्य नेताओं की संपत्ति में तेजी से वृद्धि का आरोप लगाते हुए दायर एक जनहित याचिका में प्रतिवादी बनाया गया था, उनके वकीलों ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थना की कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले में पक्षकार बनाने के उसके पहले के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए.

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष गुहार लगाते हुए वकीलों ने दावा किया कि जब मामले में ईडी को पक्षकार बनाने का निर्देश देने के लिए याचिका दाखिल की गयी थी, तब से उन परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

पीठ में न्यायमूर्ति आर भारद्वाज भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि ईडी को पक्षकार बनाने के उसके आठ अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये किसी भी आवेदन पर 12 सितंबर को मुख्य मामले की सुनवाई के दौरान विचार किया जा सकता है.

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में कुछ मंत्रियों और नेताओं की संपत्तियां बहुत तेजी से बढ़ी हैं. पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को पक्षकार बनाएं.

जनहित याचिका फरवरी 2017 में दाखिल की गई थी, जिस पर यह आदेश आया था. याचिका में 2011 से 2016 के बीच कुछ मंत्रियों और नेताओं की संपत्तियां बढ़ने के संबंध में जांच की मांग गई थी. इस मामले में नेताओं के अलावा सीबीआई और आयकर विभाग प्रतिवादी हैं.

Featured Video Of The Day
Arunachal Pradesh में Bum La Pass पर अचानक क्यों बढ़ी हलचल? NDTV Special Ground Report