अलविदा मिग-21: लड़ाकू विमानों के 'AK-47' को दी जाएगी बेहद खास विदाई, कॉकपिट में खुद बैठेंगे वायुसेना प्रमुख

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 या 1971 की जंग हो या फिर करगिल युद्ध, मिग-21 ने दुश्मन का मनोबल तोड़ने में अहम भूमिका निभाई है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • छह दशक तक देश की आसमानी सुरक्षा करने वाला मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार को अलविदा कह देगा
  • वायुसेना प्रमुख एपी सिंह खुद मिग-21 के कॉकपिट में बैठेंगे. स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया शर्मा लीड करेंगी
  • समारोह में 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों के खास पलों को भी रीक्रिएट किया जाएगा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

छह दशक तक देश की आसमानी सुरक्षा करने वाला मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार को आसमान को अलविदा कह देगा. 26 सितंबर को चंडीगढ़ में इसकी विदाई को वायुसेना बेहद खास बनाने में जुटी है. विदाई समारोह की तैयारी के लिए बुधवार को चंडीगढ़ में फुल ड्रेस रिहर्सल हुआ. इस दौरान मिग-21 के साथ जगुआर और सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम ने भी फ्लाईपास्ट किया. आकाश गंगा स्काई डाइवर्स की टीम ने करीब चार हज़ार फीट की ऊंचाई से छलांग भी लगाई.

65 और 71 की जंग के पल जीवंत होंगे 

मिग-21 की विदाई पर खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह कॉकपिट में बैठेंगे. पिछले महीने भी उन्होंने राजस्थान के नाल एयरबेस में मिग-21 उड़ाया था. विमान की इस आखिरी उड़ान को स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया शर्मा लीड करेंगी. समारोह में 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों के खास पलों को रीक्रिएट किया जाएगा. मिग-21 की 23वीं स्क्वॉड्रन जिसे पैंथर्स भी कहा जाता है, विक्ट्री फॉर्मेशन में उड़ान भरेगी. इसके बाद मिग-21 बादल फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे. उनके साथ तेजस भी कदमताल करेगा, जिसमें यह सामरिक संदेश निहित होगा कि मिग-21 की जगह अब स्वदेशी तेजस ने ले ली है. 

वॉटर कैनन सैल्यूट से होंगे रिटायर

समारोह में एक साथ छह मिग-21 लड़ाकू विमान मंच के सामने लैंड करके स्विच ऑफ करेंगे. इसी के साथ मिग-21 के दोनों स्क्वॉड्रन कोबरा और पैंथर्स रिटायर हो जाएंगे. वायुसेना की परंपरा के मुताबिक, रिटायर होने से पहले मिग-21 विमानों को वॉटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा. विदाई समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेना प्रमुख, वायुसेना के छह पूर्व प्रमुख और वायुसेना की सभी कमानों के कमांडर-इन-चीफ शामिल होंगे.

मिग-21 का शानदार इतिहास

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 या 1971 की जंग हो या फिर करगिल युद्ध, मिग-21 ने दुश्मन का मनोबल तोड़ने में अहम भूमिका निभाई है. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में तो मिग-21 ने ढाका में गवर्नर हाउस पर बैठक के समय बम बरसाए थे. इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के गवर्नर का मनोबल टूट गया और उसने आत्मसमर्पण का फैसला किया. 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक में मिग-21 ने पाकिस्तान के आधुनिक एफ-16 विमान को मार गिराया था.

विदाई पर भावुक हैं पूर्व पायलट

मिग-21 के पायलट रहे कई अफसरों ने एनडीटीवी से बातचीत में इस विमान को बहुत शानदार बताते हुए कहा कि मिग के सभी वैरिएंट्स में इसी का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल हुआ है. इसकी स्पीड बहुत अच्छी थी. पतला विमान होने के कारण यह बहुत तेज़ी से ऊंचाई पर पहुंच जाता था. 1971 के युद्ध में इसने पूर्वी पाकिस्तान के सभी एयरफील्ड को तबाह कर दिया था. गवर्नर हाउस पर हमले के बाद पाकिस्तानी घबरा गए और सरेंडर करना पड़ा. 

'फ्लाइंग कॉफिन कहना अन्याय'

वायुसेना के कई जानकार मानते हैं कि मिग-21 को फ्लाइंग कॉफिन कहना बहुत बड़ा अन्याय था, क्योंकि एक समय वायुसेना की आधी स्क्वॉड्रन मिग उड़ा रही थीं. ज़्यादा फ्लाइंग होने के कारण इसकी दुर्घटनाएं बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती थीं, जबकि मिग-21 का रिकॉर्ड किसी भी अन्य एयरक्राफ्ट जितना ही अच्छा था. इसने वियतनाम वॉर में अमेरिकन एयरक्राफ्ट एफ-4 फैंटम के छक्के छुड़ा दिए थे जबकि इसकी क़ीमत उससे बीस गुना कम थी. 

Advertisement

ये भी पढ़ें - 1000 पायलट.. 71 की जंग का रीक्रिएशन.. ऐसे होगी मिग 21 की ग्रैंड विदाई

लड़ाकू विमानों का 'AK-47'

मिग-21 विमान को कुल 60 देशों ने खरीदकर इस्तेमाल किया है. इससे ज़्यादा सुपरसोनिक जहाज़ किसी देश ने नहीं बनाए. कुछ लोग तो मिग-21 को फाइटर विमानों का AK-47 कहते है, क्योंकि यह आसान,भरोसेमंद और किफायती रहा है. मिग-21 सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं, वायुसेना की पहचान ,साहस और जुझारूपन का प्रतीक रहा है. इसकी गूंज आने वाले दशकों तक उस आसमान में सुनी जाएगी, जहां भारतीय पायलटों ने अपने सपनों को उड़ान दी है.

Featured Video Of The Day
Russia ने Iran को दिया ऐसा ब्रह्मास्त्र जिससे Israel की टेंशन बढ़ेगी? | Iran Russia Deal
Topics mentioned in this article