- संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम हफ्ते में मनरेगा के नए बिल VB–G Ram G पर विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
- विपक्षी सांसदों ने बिल के खिलाफ वॉक आउट किया जिसमें कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने नेतृत्व किया और नारे लगाए.
- प्रियंका गांधी ने इस बिल को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया और इसे बिना चर्चा जल्द पास करने का विरोध किया.
MGNREGA vs VB–G Ram G: संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम हफ्ता जारी है. वंदे मातरम और चुनाव सुधार पर चल रही बहस अब मनरेगा के नए बिल पर आ पहुंची है. मंगलवार को संसद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) पर लाए गए नए बिल "विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)" (VB–G Ram G) को लेकर विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त विरोध किया. सरकार ने लोकसभा में बहस के लिए जी राम जी बिल को लिस्ट कर दिया है. वैसे यह तय हुआ है कि बहस के बाद यह बिल संसदीय समिति को भेजा जाएगा, मगर यह बिल सरकार और विपक्ष के बीच शक्ति प्रदर्शन का जरिया बन गया है.
समूचे विपक्ष ने किया वॉक आउट
इस बिल के विरोध में समूचे विपक्ष ने वॉक आउट किया. इस वॉक आउट में सपा नेता अखिलेश यादव शामिल थे तो कांग्रेस के तरफ से सबसे आगे प्रियंका गांधी रहीं. इस विरोध में कांग्रेस के सांसदों का जब हुजूम निकला तो उसमें महिला सांसद सबसे आगे थी. जोर-जोर से 'बिल वापस लो, वापस लो..' के नारे लगाते हुए प्रियंका गांधी सांसदों का नेतृत्व करती दिखीं.
विपक्षी सांसदों के साथ सदन से बाहर निकलतीं प्रियंका गांधी.
पीएम और राहुल विदेश में, सत्ता पक्ष से शिवराज तो विपक्ष से प्रियंका ने संभाला मोर्चा
यहां पर यह बताना महत्वपूर्ण है कि शीतकालीन सत्र के इस अंतिम हफ्ते में सदन के नेता प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता राहुल गांधी दोनों विदेश दौरे पर हैं. सरकार के तरफ से इस बिल की ज़िम्मेवारी ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की है मगर नेता प्रतिपक्ष के नहीं रहने पर कांग्रेस की तरफ से ये जिम्मा प्रियंका गांधी ने ले रखी है.
प्रियंका बोलीं- यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ
प्रियंका गांधी ने मनरेगा कानून के स्थान पर नया विधेयक लाने पर विरोध जताया. प्रियंका गांधी ने इस विधेयक को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया, उन्होंने कहा- बिना चर्चा के जल्दबाजी में इस बिल को पास नहीं होना चाहिए. प्रियंका ने कहा कि यह बिल ग्रामीण गरीबों के रोजगार के कानूनी अधिकार को कमजोर कर देगा और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगा और इस बिल को संसद की स्थाई समिति को भेजा जाए.
संसद की छत पर चढ़कर विरोध-प्रदर्शन करते विपक्षी सांसद.
उसके बाद प्रियंका गांधी महिला सांसदों के एक दल के साथ संसद से निकलीं. बाद में कांग्रेस के कुछ सांसद, जिसमें में कई महिला सांसद भी थी, पुराने संसद भवन के पोर्च के छत पर नारेबाजी करने लगीं.
यह प्रर्दशन का एक अनोखा तरीका था, जिसने सभी की निगाहें अपनी तरफ खींचा. क्योंकि आज से पहले इस तरह का विरोध कभी नहीं हुआ था.
राहुल की गैरमौजूदगी का प्रियंका ने नहीं होने दिया आभाष
राहुल गांधी के अनुपस्थिति में प्रियंका ने किसी को यह अहसास नहीं होने दिया कि नेता प्रतिपक्ष नहीं है. वो बहुत ही आक्रामकता के साथ ना सिर्फ कांग्रेस को, बल्कि समूचे विपक्ष का नेतृत्व करते हुए संसद भवन परिसर में स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति तक गईं. उनके साथ विपक्ष के सभी बड़े नेता जिसमें अखिलेश यादव से लेकर डीएमके के नेता भी थे. मगर तृणमूल कांग्रेस के नेता नदारत रहे.
वंदे मातरम पर प्रियंका के भाषण की भी खूब रही चर्चा
बुधवार को भी संसद भवन परिसर में कांग्रेस और बाकी विपक्ष प्रदर्शन करेगा. जाहिर है प्रियंका गांधी ही उसका नेतृत्व करेंगी. और इस तरह प्रियंका ने नेता प्रतिपक्ष की कमी महसूस नहीं होने दी. पिछले हफ्ते वंदे मातरम पर उनके भाषण को काफी सराहा गया था. यही नहीं संसद में दिल्ली प्रदूषण पर भी प्रियंका खुलकर बोलती दिखी हैं.
विपक्ष के कई सांसदों का कहना है कि पिछले 12 महीने में प्रियंका गांधी ने अपने आप को संसद में एक अच्छे वक्ता और कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्थापित कर लिया है.
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