'23 फसलों के लिए MSP व्यवस्था व्‍यावहारिक नहीं' : कृषि कानूनों पर नियुक्त समि‍ति के सदस्‍य अनिल घनवत

बातचीत के दौरान घनवत ने कहा, 'भारत में 23 फसलों के लिए एमएसपी व्यवस्था न तो Feasible (संभव/व्‍यावहारिक) है और न ही Implementable (अमल में लाने लायक) है. सिर्फ गेहूं और चावल पर एक लाख 60 हजार करोड़ की MSP का बोझ सरकार पर पड़ता है.

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अनिल घनवत ने कहा, सिर्फ गेहूं और चावल पर एक लाख 60 हजार करोड़ की MSP का बोझ सरकार पर पड़ता है
नई दिल्‍ली:

कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्‍त की गई समिति के सदस्‍य अनिल घनवत  (Anil Ghanwat) ने भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) एनवी रमना को लेटर लिखकर कृषि सुधार से जुड़े मुद्दों पर शीर्ष अदालत को दी गई रिपोर्ट का सार्वजनिक करने का आग्रह किया है. NDTV से बात करते हुए घनवत ने कहा, ' मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि कृषि सुधार से जुड़े मुद्दों पर हमने जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी थी उसे सार्वजनिक किया जाए. जनता के सामने नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट आनी चाहिए.' उन्‍होंने कहा कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में देरी हुई . अगर पहले यह रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया होता तो किसानों के आंदोलन को नियंत्रित किया जा सकता था.  

कृषि कानून के मसले पर SC द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, CJI को लिखी गई चिट्ठी

बातचीत के दौरान घनवत ने कहा, 'भारत में 23 फसलों के लिए एमएसपी व्यवस्था न तो Feasible (संभव/व्‍यावहारिक) है और न ही Implementable (अमल में लाने लायक) है. सिर्फ गेहूं और चावल पर एक लाख 60 हजार करोड़ की MSP का बोझ सरकार पर पड़ता है. सरकार के पास वित्तीय क्षमता नहीं है कि वह 23 फसलों के लिए MSP व्यवस्था बहाल करें.' शेतकारी संगठन के अध्यक्ष घनवंत ने कहा, 'मैं प्याज का किसान हूं. हम भी मांग करते हैं कि प्याज पर भी एमएसपी मिलना चाहिए.फिर आलू, टमाटर, फ्रूट की खेती करने वाले किसान भी ऐसी मांग कर सकते हैं. दो-तीन महीने बाद हम कृषि सुधार का समर्थन करने वाले 1 लाख किसानों को लेकर दिल्ली आएंगे और यहां 1 दिन का कार्यक्रम करेंगे.' 

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