रूसी सेना में अभी 44 भारतीय, जल्द से जल्द छुड़ाने की कोशिश... भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कुछ बताया

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि रूसी सेना में 44 इस वक्त नागरिक हैं और भारत सरकार ने इस मामले को रूसी अधिकारियों के सामने उठाया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • रूस की सेना में वर्तमान में 44 भारतीय नागरिक हैं, जिनकी रिहाई के लिए भारत ने रूसी अधिकारियों से संपर्क किया
  • विदेश मंत्रालय ने इन भारतीयों की जल्द रिहाई और इस तरह की भर्ती प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की है
  • कई भारतीयों को रूस में रोजगार या पढ़ाई के नाम पर भेजा गया था, बाद में उन्हें जबरन सेना में भर्ती किया गया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध सिर्फ पश्चिम के देशों के लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है. एक तरफ रूस से तेल खरीद पर भारत अमेरिका के टैरिफ की मार झेल रहा है. दूसरी तरफ रूस में बेहतर जिंदगी की तलाश में गए लोगों की जिंदगी नरक बन चुकी है. काफी दिनों से ये खबरें आ रही है कि रूसी सेना भारतीयों को सेना में भर्ती कर युद्ध के मैदानों में झोंक दे रही है. जबकि ये मुद्दा पहले ही कई बार सुर्खियां बटोर चुका है. अब विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि रूसी सेना में 44 भारतीय नागरिक सेवा दे रहे हैं और भारत सरकार ने इस मामले को रूसी अधिकारियों के सामने उठाया है.

विदेश मंत्रालय ने क्या कुछ कहा

विदेश मंत्रालय ने इन भारतीयों की शीघ्र रिहाई की मांग की है और इस तरह की भर्ती प्रक्रिया को तुरंत रोकने की अपील की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस बारे में हमें जानकारी मिली है कि कई भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है. हमने एक बार फिर इस बारे में रूसी अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने और इस प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग की है. हमारे अनुसार, वर्तमान में 44 भारतीय रूसी सेना में सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार रूसी पक्ष और प्रभावित परिवारों दोनों के संपर्क में है और उन्हें लगातार अपडेट दे रही है.

रूसी सेना में जबरन किया गया भर्ती

हम एक बार फिर से इस अवसर पर सभी को यह बताना चाहते हैं कि रूसी सेना में सेवा करने के प्रस्तावों से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा प्रस्ताव है जो जीवन के लिए खतरे से भरा है और इसमें जान का जोखिम है. आपको बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ यह बयान ऐसे समय आया है जब कई परिवारों ने प्रदर्शन कर रूस में फंसे अपने परिजनों की सुरक्षित वापसी की मांग की थी. इन परिवारों का कहना है कि उनके रिश्तेदारों को रोजगार या पढ़ाई के नाम पर रूस भेजा गया, लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया. कई लोगों से तो उनकी फैमिली का संपर्क तक नहीं हो पा रहा है.

(एएनआई इनपुट्स के साथ)

Featured Video Of The Day
Syed Suhail: Bihar में बंपर वोटिंग, जीतेंगे 160 सीट | Elections 2025 | Bharat Ki Baat Batata Hoon