हिंदू राष्ट्र के जवाब में मुस्लिम राष्ट्र, मुसलमान यात्रा... जानें बाबा बागेश्वर की यात्रा पर क्या बोले मौलाना साजिद रशीदी

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि जिन लोगों के अंदर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की सोच है, वो नेपाल श्रीलंका का हश्र देख लें. अगर नहीं माने तो जो नेपाल में हुआ, वो यहां भी होगा.

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  • मौलाना साजिद रशीदी ने धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा को राजनीतिक और सोशल मीडिया चमकाने की यात्रा बताया
  • उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राओं से सिवाय नफरत के कुछ हासिल नहीं होगा. ऐसे ही चला तो मुस्लिम भी यात्रा निकालेंगे
  • मौलाना बोले, धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र को लेकर नहीं माने तो हमें मुस्लिम राष्ट्र के बारे में सोचना होगा
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बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री (बाबा बागेश्वर) द्वारा दिल्ली से वृंदावन तक निकाली जा रही सनातन हिंदू एकता पदयात्रा को लेकर मौलाना साजिद रशीदी ने तीखा बयान दिया है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि ऐसी पदयात्राओं का धर्म से कोई संबंध नहीं है, ये यात्राएं सिर्फ सोशल मीडिया पर चमकने के लिए निकाली जाती हैं. उन्होंने यात्रा को राजनीतिक बताते हुए कहा कि ऐसे ही चला तो मुस्लिम भी यात्रा निकालेंगे.

'मैं मुस्लिम यात्रा निकालूं तो केस हो जाएंगे'

मौलाना रशीदी ने कहा कि ये लोग हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, कल को अगर साजिद रशीदी मुस्लिम राष्ट्र के लिए यात्रा निकाले तो मेरे खिलाफ केस हो जाएंगे. सिम्मी को भी इसलिए बैन कर दिया गया क्योंकि वह मुस्लिम राष्ट्र चाहते थे. उन्होंने कहा कि ये यात्रा राजनीतिक है. जो कथावाचक 15-20 लाख रुपये लेकर कथा सुनाता हो, वो धार्मिक कैसे हो सकता है? ये कारोबारी आदमी है, बाबा नहीं. जो आदमी औरत के लिए खाली प्लॉट की तरह बातें करता हो, वो धार्मिक हो सकता है क्या? रशीदी ने बाबा बागेश्वर को बच्चा बताते हुए ऊटपटांग बातें बोलने का आरोप लगाया. 

'यात्रा में शामिल मुस्लिम न हिंदू, न मुसलमान'

मौलाना रशीदी का कहना था कि बागेश्वर की पदयात्रा में 300 नहीं, सिर्फ 30 या 3 लोग शामिल होंगे. पदयात्रा में जो मुस्लिम लोग शामिल हैं, वो राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के लोग हैं, वो ना हिंदू हैं और ना ही मुसलमान. उन्होंने आरोप लगाया कि  ऐसी पदयात्राओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है. 

'नहीं माने तो नेपाल में हुआ, वो यहां होगा'

साजिद रशीदी ने बाबा बागेश्वर की पदयात्रा के संकल्प पर भी तीखी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पीएम से लेकर चपरासी तक सारे हिंदू हैं और इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात हो रही है. मुसलमान तो सीएम भी नहीं हैं. रामराज्य की ये कल्पना नहीं हो सकती. जिन लोगों के अंदर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की सोच है, वो नेपाल श्रीलंका का हश्र देख लें. अगर नहीं माने तो जो नेपाल में हुआ, वो यहां भी होगा.

...तो मुस्लिम राष्ट्र के बारे में सोचना होगा

मौलाना यही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि ऐसी पदयात्राओं को निकालने वाले की सोच अच्छी नहीं है. जहां तक समाज को बढ़ावा देने की बात है तो ऐसी यात्राओं से सिवाय नफरत के कुछ हासिल नहीं होगा. ऐसे ही चला तो मुस्लिम भी यात्रा निकालेंगे. अगर धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र को लेकर नहीं माने तो हमें भी मुस्लिम राष्ट्र के बारे में विचार करना पड़ेगा.

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422 इलाकों से गुजरेगी सनातन यात्रा 

बता दें कि दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इलाके से शुरू हुई धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा मथुरा वृंदावन तक जाएगी. 7 नवंबर से शुरू हुई ये ये पदयात्रा 16 नवंबर तक चलेगी. इस दौरान दिल्ली, हरियाणा से होते हुए यूपी के 422 से ज्यादा इलाकों से गुजरेगी. धीरेंद्र शास्त्री इस पदयात्रा के जरिये 5 करोड़ लोगों तक पहुंचने का दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि 10 दिनों में करीब दो लाख लोग इस पदयात्रा में शामिल होंगे.

धीरेंद्र शास्त्री के मुताबिक, उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यमुना को गंगा की तरह शुद्ध पवित्र बनाना है. उत्तराखंड के यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना हरियाणा से दिल्ली और उत्तर प्रदेश आकर बेहद प्रदूषित हो जाती है. इसके अलावा वह ब्रज क्षेत्र में मांस-शराब की बिक्री पर बैन, गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने, श्रीकृष्ण जन्मभूमि में भव्य मंदिर के साथ सनातन धर्म की एकजुटता जैसे मुद्दे भी उठाएंगे. 

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