दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिहार के नालंदा से उस गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है जो कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीज़न सिलेंडर और दवा देने के नाम पर ठगी कर रहा था. इस गैंग के 4 लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. आरोपी मास्टमाइंड यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा था.क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भरद्वाज के मुताबिक आरोपी का नाम छोटू चौधरी है और वो नालंदा के पालनी गांव का रहने वाला है. बीती 16 मई को इसी गैंग से जुड़े 4 लोगों दीपक, पंकज, सरवन और मिथिलेश को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि गैंग का मुखिया छोटू चौधरी है.
गैंग के लोग कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीज़न सिलिन्डर और कंसंट्रेटर देने के नाम पर पूरे भारत में ठगी कर रहे थे. छोटू चौधरी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वो अपने सहयोगी मनोज महतो के साथ 2-3 साल से गैंग चला रहा है. उसने अपने इलाके के 200-300 लड़के ठगी करने के लिए गैंग से जोड़े हुए हैं जो अलग-अलग तरह से जैसे फ़ोन फ्रेंडशिप, फिल्पकार्ट के नाम पर वहीं गांव से बैठकर ठगी को अंजाम देते हैं.
जब कोविड 19 की महामारी आयी तो गैंग के लोगों ने इसी के नाम पर ऑक्सीज़न सिलिन्डर और कंसंट्रेटर देने के नाम पर ठगी शुरू कर दी. इस काम के लिए गैंग से जुड़ा दीपक बैंक अकाउंट मुहैया करवाता था. इन अकाउंट्स में ही ठगी का पैसा आता था. ये अकॉउंट फ़र्ज़ी दस्तावेज के जरिये खुलवाए जाते थे. दीपक एक अकॉउंट के लिए 25 हज़ार रुपये लेता था. दीपक का सहयोगी मिथिलेश एटीएम से पैसे निकालता था. हर लेनदेन का वो 2 प्रतिशत लेता था. छोटू उन लोगों को कलेक्शन मनी का 10 प्रतिशत देता था जो जरूरतमंदों को फोन कर उन्हें फंसाते थे.
मिथिलेश ठगी का पैसा दीपक के जरिये पंकज को भेजता था, जिसका काम पैसा इकठ्ठा करना था. मनोज महतो जंगल में ले जाकर गैंग के लोगों को ठगी की ट्रेनिंग देता था. इस गैंग से जुड़ा रोहित कॉल करने के लिए सिम कार्ड मुहैया कराता था. पुलिस के मुताबिक छोटू चौधरी ने 2020 में दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी की कोचिंग के लिए एक कोचिंग सेंटर में अपना रजिस्ट्रेशन भी कराया था लेकिन वो लॉकडाउन के चलते नहीं आ सका.