कई राजनीतिक दल संसद में नहीं उठा रहे हैं किसानों के मुद्दे : संयुक्त किसान मोर्चा

एसकेएम ने 14 जुलाई को जनता की ओर से एक व्हिप जारी कर सांसदों को संसद में किसानों की मांगें उठाने के निर्देश दिए थे. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता देने की मांग कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 18 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कई राजनीतिक दल संसद में विभिन्न विधेयकों पर होने वाली बहस में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन किसानों की मांगों को संसद में न उठाकर जनता का अपमान कर रहे हैं. एसकेएम ने एक बयान में कहा, "संज्ञान में आया है कि विभिन्न राजनीतिक दल और उनके सांसद जनता की ओर से जारी किए गए व्हिप के खिलाफ जा रहे हैं. यह देखा जा रहा है कि बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, अन्नाद्रमुक, तेलुगु देशम पार्टी, जनता दल यूनाइटेड के सांसद जनता के व्हिप को दरकिनार कर विभिन्न विधेयकों पर हो रही बहसों में हिस्सा ले रहे हैं."

गन्‍ना किसानों के बकाया मामले में सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और 11 राज्‍यों को नोटिस, तीन हफ्ते में मांगा जवाब

इसने कहा, "एसकेएम ऐसे राजनीतिक दलों और उनके सांसदों को जनता की ओर से जारी व्हिप का स्मरण कराना चाहेगी."गौरतलब है कि 40 किसान समूहों के संगठन एसकेएम के नेतृत्व में किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 

Advertisement

हरियाणा के किसानों से किसान मोर्चा की अपील : तिरंगा यात्रा का विरोध ना करें, बीजेपी की चाल सफल ना होने दें

Advertisement

एसकेएम ने 14 जुलाई को जनता की ओर से एक व्हिप जारी कर सांसदों को संसद में किसानों की मांगें उठाने के निर्देश दिए थे. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता देने की मांग कर रहे हैं.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
AAP Candidate List: Delhi Assembly Elections के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, किसे मिला Ticket?