भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता गुरुवार को मुक्तसर जिले में प्रकाश सिंह बादल के पैतृक गांव पहुंचे और अकाली नेता को श्रद्धांजलि दी. दिवंगत बादल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखा गया और उनके आवास से करीब एक किलोमीटर दूर परिवार के खेत की ओर ले जाया गया. खेत में उनके अंतिम संस्कार के लिए एक मंच बनाया गया है.
प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर हाथ जोड़कर खड़े नजर आए. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के वरिष्ठ नेता तरुण चुग, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री बादल को श्रद्धांजलि दी.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पंजाब के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सुखबीर सिंह बादल और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की.
पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार को सुबह से ही उनके पैतृक गांव में बड़ी संख्या में लोगों की कतारें नजर आईं.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बादल को सांस लेने में तकलीफ होने पर 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने मंगलवार रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली. वह 95 साल के थे.
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल के भतीजे एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे. पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर शोक जताते हुए सिरसा ने कहा कि बादल अपने आप में एक संस्था थे और उनके निधन से एक युग का अंत हो गया.
सिरसा ने कहा, "सरदार प्रकाश सिंह बादल साहब से सब कुछ सीखा जा सकता है. चाहे वह समय का सही इस्तेमाल हो या समुदाय और राज्य से जुड़े मुद्दे हों. हमने बादल साहब से बहुत कुछ सीखा." सिरसा 2021 में शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई. वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी मुख्यमंत्री रहे. वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे.
ये भी पढ़ें:
प्रकाश सिंह बादल के अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, दी श्रद्धांजलि