एंटीलिया केस: NIA की घंटों पूछताछ के बाद मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे गिरफ्तार

हिरेन ने मौत से एक दिन पहले ही खत लिखकर उद्धव ठाकरे को बताया था कि उन्हें पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों की ओर से धमकियां मिल रही थीं. वाजे का नाम आने के बाद उन्हे इंटेलीजेंस यूनिट से हटाकर नागरिक सेवा केंद्र में ट्रांसफर कर दिया गया था.

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मनसुख हिरेन की मौत के मामले में पुराने जांच अधिकारी सचिन वाजे को NIA ने शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया (फाइल फोटो)
मुंबई:

रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास मिली विस्फोटक भरी कार और कार के मालिक मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की मौत के मामले में पुराने जांच अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaje) को एनआईए ने शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. एनआईए (NIA) ने इससे पहले सचिन वाजे (Sachin Vaje) से कई घंटों तक पूछताछ की थी. सचिन वाजे से पूछताछ के बीच देर शाम को मुंबई एटीएस (Mumbai ATS) की टीम भी एनआईए (NIA) के कोलाबा कार्यालय पहुंची थी. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सचिन वझे को गिरफ्तार किया जा सकता है. मनसुख हिरेन की पत्नी ने भी इस मामले में मुंबई के पुलिस अधिकारियों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति को प्रताड़ित किया जा रहा था. वाजे ने एक दिन पहले अग्रिम जमानत के लिए अदालत में अर्जी दी थी, लेकिन ठाणे की अदालत ने कहा था कि यह हत्या का संवेदनशील मामला है. सचिव वाजे शक के दायरे में हैं. इसमें हिरासत में पूछताछ जरूरी हो सकती है. लिहाजा अग्रिम जमानत अभी नहीं दी जा सकती.

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सचिन वझे महाराष्ट्र के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं. एनआईए ने शनिवार को उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया गया था. वझे पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आ चुके थे, लेकिन कोरोना काल में उन्हें दोबारा नियुक्ति दी गई थी. बता दें कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने 25 फरवरी को जिस कार में विस्फोटक मिला था, उस कार के मनसुख के होने की जानकारी आई थी, हालांकि, बाद में यह डिटेल भी सामने आई थी कि 45 साल के हिरेन मनसुख कार पार्ट्स डीलर थे. वो कार किसी सैम म्यूटेब की थी और उन्होंने उसके इंटीरियर पर काम किया था. हालांकि पैसे नहीं मिलने पर अभी कार लौटाई नहीं थी.

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हिरेन का नाम सामने आने के कुछ दिन ही बाद 4 मार्च को उनका शव मिला था. इस मामले में बयान दर्ज किए जाने के दौरान वाजे का नाम सामने आया था. हिरेन ने मौत से एक दिन पहले ही खत लिखकर उद्धव ठाकरे को बताया था कि उन्हें पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों की ओर से धमकियां मिल रही थीं. वाजे का नाम आने के बाद उन्हे इंटेलिजेंस यूनिट से हटाकर नागरिक सेवा केंद्र में ट्रांसफर कर दिया गया था.

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Video: एंटीलिया केस में जांच अधिकारी रहे सचिन वझे से एनआईए ने की पूछताछ

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