मनीष सिसोदिया CBI की FIR में आरोपी नंबर-1, एक्साइज पॉलिसी मामले में कुल 15 पर आरोप

मनीष सिसोदिया FIR : यह आबकारी नीति में अनियमितता का मामला है. सीबीआई ने पीसी एक्ट 1988, 120बी, 477ए वास्तविक अपराध के तहत केस दर्ज किया है. ये केस 17 अगस्त को केस दर्ज हुआ है.

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CBI FIR: 15 आरोपियों में मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया.

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  • दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार का आरोप
  • 17 अगस्त को दर्ज हुए केस में बनाए गए 15 आरोपी
  • CBI ने FIR में मनीष सिसोदिया को बनाया मुख्य आरोपी
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नई दिल्ली:

सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को एफआईआर (CBI FIR) में पहला आरोपी बनाया है. सीबीआई की इस एफआईआर में 15 आरोपी हैं. यह आबकारी नीति में अनियमितता का मामला है. सीबीआई ने पीसी एक्ट 1988, 120बी, 477ए वास्तविक अपराध के तहत केस दर्ज किया है. ये केस 17 अगस्त को केस दर्ज हुआ है.दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार के केंद्र के आरोपों को लेकर सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा, जिसका आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने जोरदार विरोध किया. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के दिल्ली स्थित घर और सात राज्यों में 20 अन्य स्थानों पर तलाशी ली. भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की अनिवार्य मंजूरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी थी.

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने एक लोक सेवक के घर से नई आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय आधिकारिक फाइलें जब्त की हैं. बरामदगी के स्थान का अभी खुलासा नहीं हुआ है. अभी तक कोई नकद वसूली नहीं हुई है. तलाशी जारी रहने की उम्मीद है. जांच एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की है और नवंबर में शुरू की गई दिल्ली आबकारी नीति की जांच कर रही है, जिसके तहत शराब की दुकान के लाइसेंस निजी कारोबारियों को सौंपे गए थे.

सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक कुल 21 जगहों पर रेड की गई है. ये छापा एक्साइज विभाग के कई अफसरों और शराब कारोबारियों के यहां मारा गया है. आबकारी पॉलिसी को लेकर चल रहे इस रेड में मनीष सिसोदिया के अलावा 3 पब्लिक सर्वेंट और शामिल हैं, बाकी अन्य लोग है.

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आबकारी विभाग की देखरेख करने वाले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति सरकारी शराब की दुकानों में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए थी.
 

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