विपक्षी पार्टियों और अन्य नागरिक समाज संगठन की मांग को ध्यान में रखते हुए मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार ने ये फैसला लिया है कि वो इस महीने की आखिर या अगस्त के शुरुआती हफ्तों में विधानसभा का सत्र बुलाएगी.
कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा कि प्रस्तावित विधानसभा सत्र का कामकाज अभी तय नहीं हुआ है.
राज्य सरकार ने मीडिया के एक वर्ग की उन रिपोर्टों का भी खंडन किया है कि उसने बीजेपी विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे की सुध नहीं ली, जिन पर 4 मई को इंफाल में भीड़ ने बेरहमी से हमला किया था.
रंजन सिंह ने कहा कि इम्फाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कुछ दिनों तक वाल्टे के इलाज के बाद, राज्य सरकार ने उन्हें बेहतर देखभाल के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की.
रंजन सिंह जो मणिपुर सरकार के प्रवक्ता भी हैं, ने कहा कि वाल्टे, जो कुकी-ज़ोमी आदिवासी समुदाय से हैं, स्टेबल हैं और अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. मीडिया से बात करते हुए, मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि भीड़ ने उन्हें बिजली के झटके दिए, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग ने बताया है.
गौरतलब है कि तीन महीने तक चली हिंसा ने संसद में भी हंगामा मचा दिया है, विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है, और बहस के लिए एक तारीख निर्धारित की जाएगी.
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