बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े कथित आतंकवादी जतिंदर सिंह उर्फ ज्योति को पंजाब आतंकी साजिश मामले में एनआईए ने मानखुर्द में मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट से कल गिरफ्तार किया है. इसी मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि उसने मुंबई मेट्रो साइट पर काम करने से पहले दिल्ली और लखनऊ में मेट्रो साइटों पर क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम किया था.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह जानकारी कलंबोली स्थित उसके एम्पलॉयर गिल एंटरप्राइजेज के माध्यम से मिली है. कंपनी ने सिंह को मानखुर्द मेट्रो साइट पर क्रेन चलाने के लिए रिक्रूट किया था, जो अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड को दिए गए लाइन-2बी (येलो लाइन) प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
इसी मामले में गिल इंटरप्राइजेस के मालिक अमरजीत सिंह का बयान NIA ने दर्ज किया है जिसमे अमरजीत ने दावा किया कि उन्होंने जतिंदर सिंह के सिर्फ कार्य अनुभव की जांच की, जिससे पता चला कि उसने पहले दिल्ली, लखनऊ और घाटकोपर से वर्सोवा तक मुंबई मेट्रो के पहले फेज में मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम किया था.
जिसके लिए उसने सभी आवश्यक आइडेंटिटी कार्ड दिए थे और क्रेन ऑपरेटर का काम करने का एक्स्पीरियंस लेटर भी दिखाया था. आरोपी जतिंदर सिंह के व्यवहार के बारे में कोई शिकायत नहीं थी, और साइट पर किसी ने भी उसके बारे में कुछ भी संदिग्ध नहीं देखा था. वह अपने काम को लेकर गंभीर नजर आता था.
अमरजीत ने आगे दावा किया कि कलंबोली में जिस सख्स ने उसका परिचय कराया, उसने दावा किया कि वह आरोपी का चाचा है. आरोपी जतिंदर को 27,000 हजार रुपये पगार मिल रहा था. NIA की करवाई के बाद अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड के साथ कॉन्ट्रेक्ट सस्पेंड कर दिया गया है.
अमरजीत सिंह के पास से जतिंदर सिंह के कई ID कार्ड्स और एक्स्पीरियंस की जानकारी मिली है, जिसके मुताबिक उसने 2016 में दिल्ली मेट्रो और लखनऊ मेट्रो में क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम किया था. उनके बायोडाटा में उसने 2008 में मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट में काम करने का दावा किया है जिस दौरान घाटकोपर से वर्सोवा की मेट्रो लाइन का निर्माण काम चल रहा था.
मुंबई पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि वे जतिंदर सिंह की प्रोफाइल की जांच कर रहे हैं और अभी तक मुंबई में उससे जुड़ा उसकी कोई भी क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली है. जांच एजेंसी मेट्रो कार शेड में उन लोगों से भी पूछताछ कर रहे हैं जो जतिंदर के करीबी थे या उसके साथ रह रहे थे.
सिंह को बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े पंजाब आतंकी साजिश मामले में सोमवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था. एनआईए के अनुसार, सिंह डेसिग्नेटेड खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लांडा और गैंगस्टर बचितर सिंह उर्फ पवित्र बटाला का करीबी सहयोगी है. वह कथित तौर पर मामले के एक अन्य आरोपी बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई को हथियार मुहैया कराने में शामिल था और इस साल जुलाई से फरार था.