हैदराबाद के मेडचल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां नकाबपोश बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया है. बुर्का और हेलमेट पहने बदमाश एक ज्वेलरी दुकान में घुस गए, फिर मालिक पर चातू से हमला कर दिया. हालांकि, जौहरी और उसके बेटे ने उनकी दुकान में डकैती को विफल कर दिया. चाकू से लैस संदिग्ध भीषण संघर्ष के बाद खाली हाथ चले गए.लेकिन दुकान मालिक घायल हो गया.
डकैती का प्रयास दोपहर करीब 1:45 बजे हुआ जब दो व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर दुकान में घुस आए. बुर्का पहने व्यक्ति ने तुरंत दुकान के मालिक शेषराम पर हमला कर दिया और उनके कंधे में चाकू मार दिया. उसका साथी हेलमेट पहनकर आभूषण और नकदी इकट्ठा करने लगा.
घायल होने के बावजूद, शेषराम की त्वरित सोच और उनके बेटे सुरेश के समय पर हस्तक्षेप ने चोरी को रोक दिया. लुटेरों पर कुर्सियां फेंकने से पहले मदद के लिए सुरेश की ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ ने हमलावरों को चोरी का सामान छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया. पुलिस के मौके पर पहुंचने और उन्हें गिरफ्तार करने से पहले लुटेरे मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गए.
घटना के वीडियो में शेषराम को दुकान के बाहर लुटेरों के पीछे भागते हुए दिखाया गया है, क्योंकि वे मोटरसाइकिल पर भागने का प्रयास कर रहे हैं. सुरेश भी एक कुर्सी लेकर दुकान से बाहर भागता है जिसे उसने बुर्का पहने और बाइक पर पीछे बैठे लुटेरे पर फेंक दिया.
डकैती स्थानीय पुलिस स्टेशन से महज 25 मीटर की दूरी पर हुई. इसके अतिरिक्त, पास में एक फ्लाईओवर के चल रहे निर्माण के परिणामस्वरूप आसपास के लगभग 25 सीसीटीवी कैमरे हटा दिए गए थे. लुटेरों ने दस्ताने भी पहने हुए थे और कोई फिंगरप्रिंट नहीं छोड़ा.
हैदराबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नरसिम्हा रेड्डी के अनुसार, संदिग्धों का पता लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है. पुलिस ने कहा कि दुकान के अंदर लुटेरों द्वारा हिंदी का इस्तेमाल करने से पता चलता है कि वे बावरिया गिरोह से जुड़े हो सकते हैं, जो पूरे हैदराबाद में स्नैचिंग और डकैती की घटनाओं के लिए कुख्यात है.