भारतीय रेलवे के तुमकुरु डिवीजन में कार्यरत रेलवे कर्मचारी प्रेमराज हुतगी का आधार कार्ड पुलिस ने मंगलुरु ऑटो ब्लास्ट की जगह से बरामद किया है. वहीं शख्स ने दावा किया है कि पिछले दो वर्षों में 2 बार उसका आधार कार्ड खो गया था. शख्स ने बताया कि लगभग 7:30 बजे, मुझे एक पुलिस उप निरीक्षक का फोन आया. उसने पूछा कि मैंने अपना आधार कार्ड कहां खो दिया है. उन्होंने मुझसे मेरे माता-पिता के बारे में भी पूछा. मैंने अपनी तस्वीरों सहित सभी जानकारी उन्हें दे दी. इधर कर्नाटक पुलिस ने शनिवार को तटीय मंगलुरु में उस व्यक्ति का पता लगाया है जिसकी पहचान अभियुक्तों द्वारा ऑटोरिक्शा विस्फोट में इस्तेमाल की गई थी.
प्रेमराज हुतगी ने कहा कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मुझे इस घटना के बारे में तब पता चला जब पुलिस ने मुझे सूचित किया. उन्होंने कहा कि उन्हें मेरा आधार कार्ड मिल गया है. मैंने अपना आधार कार्ड खो दिया है, यह सच है. लेकिन वो मंगलुरु में नहीं हुआ था. साथ ही उनसे बताया कि आधार कार्ड खो जाने की सूचना नहीं दी क्योंकि उनके पास यूनिक आईडी थी जिसके जरिए उन्होंने दूसरा कार्ड प्रिंट करवा लिया था. मुझे कभी नहीं पता था कि इसका इस हद तक दुरुपयोग किया जाएगा,"
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद ने एनडीटीवी से पुष्टि की है कि आरोपी, जो ऑटो में यात्री था, बैटरी से भरा कुकर और एक विस्फोटक उपकरण ले जा रहा था, जिससे चालक और वह दोनों घायल हो गया. दोनों का इलाज चल रहा है, और आरोपी पुलिस से बात करने या घटना के बारे में अधिक जानकारी देने में सक्षम नहीं है.
मेंगलुरु में हुए धमाके को लेकर पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है. इस मामले में पुलिस ने रविवार को आरोपी के मैसूर स्थित घर पर रेड डाली. रेड डालने के साथ-साथ पुलिस ने इलाके में बॉम्ब स्क्वाड को भी तैनात किया था, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. पुलिस से मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपी ने पिछले महीने मैसूर में एक कमरे वाला फ्लैट किराये पर लिया था. फ्लैट लेते समय उसने मकानमालिक को बताया था कि वो मैसूर में मोबाइल रिपेयर की ट्रेनिंग लेने के लिए आया हुआ है.
शनिवार को मंगलुरु में जिस ऑटो में धमाका हुआ था उसकी जांच के बाद पुलिस ने इसे आतंकी घटना बताया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस धमाके का मकसद बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाने था.
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