- बंगाल के अल्पसंख्यकों से एकजुट होने की अपील करते हुए CM ममता बनर्जी ने BJP पर विभाजन की राजनीति का आरोप लगाया.
- SIR प्रक्रिया को खामियों भरा बताते हुए चुनाव आयोग पर पक्षपात और जल्दबाजी में मतदाता सूची संशोधन का आरोप मढ़ा.
- इस दौरान CM ममता बनर्जी ने कहा, 'हम बंगाल को बीजेपी के चंगुल से बचाने के बाद दिल्ली पर कब्जा करेंगे.'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों से एकजुट होने का आह्वान किया है. ममता बनर्जी ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन या विशेष गहन पुनरीक्षण) को भी भारी खामियों वाला बताया. इसी दौरान ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों को एकजुट होने को कहा.
वो बोलीं, "मैं अल्पसंख्यकों से कहती हूं कि कृपया एकजुट हो जाएं. यह फैसला आप पर है. बीजेपी अपने पैसे की ताकत से आपको बांटने की कोशिश कर रही है. मैं साफ तौर पर आपसे कहती हूं कि एकजुट हो जाएं."
उन्होंने आरोप लगाया, 'बीजेपी बंगाल में मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. वह समुदाय को बांटने की कोशिश कर रही है.'
इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि नेता नहीं, केवल जमीनी स्तर के तृणमूल कार्यकर्ता ही बीजेपी को बंगाल में पैर जमाने से रोक सकते हैं.
उन्होंने पार्टी समर्थकों से राज्य में सत्ता पर कब्जा करने की भगवा खेमे की कुटिल चालों का पूरी तरह से प्रतिरोध करने को कहा. इस दौरान CM ममता बनर्जी ने कहा, "बंगाल के बाद हम बीजेपी से दिल्ली छीन लेंगे."
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ममता ने SIR पर निर्वाचन आयोग को घेरा
सोमवार को आयोजित बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की इस बैठक में ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूचियों की अब तक की गई SIR प्रक्रिया के बाद पब्लिश की गई ड्रॉफ्ट सूची में कई खामियां हैं.
उन्होंने निर्वाचन आयोग पर यह भी आरोप लगाया कि वो राज्य सरकार को सूचित किए बगैर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर रहा है, साथ ही वो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फायदे के लिए काम कर रहा है. उन्होंने दावा किया, 'निर्वाचन आयोग केवल बीजेपी के निर्देशों पर काम कर रहा है.'
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में एसआईआर प्रक्रिया में मतदाताओं की मैपिंग में भारी त्रुटियां हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हजारों सही मतदाताओं के नाम मसौदा सूचियों से हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि इतने सारे असली मतदाताओं की समस्याओं को इतने कम समय में कैसे हल किया जा सकता है.'
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ममता बोलीं- SIR के वेरिफिकेशन के लिए अधिकारी अयोग्य
बता दें कि पश्चिम बंगाल में पब्लिश किए गए ड्रॉफ्ट सूची में से 58,20,899 नाम हटाए गए हैं, जिससे राज्य में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.08 करोड़ रह गई है.
करीब 1.36 करोड़ मतदाताओं को इस लिए भी चिह्नित किया गया है कि उनकी पहचान में विसंगति आई. वहीं लगभग 30 लाख मतदाताओं को ‘अनमैप्ड' श्रेणी में डाला गया है. इन्हें 45 दिनों के भीतर वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जा सकता है.
तृणमूल प्रमुख ने यह भी दावा किया कि SIR में विसंगति की सुनवाई जो केंद्रीय अधिकारी पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं उन्हें स्थानीय भाषा का बहुत कम ज्ञान है और वो पुनरीक्षण प्रक्रिया के दूसरे चरण के दौरान सत्यापन (वेरिफिकेशन) करने के लिहाज से अयोग्य हैं.
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जबरन दो महीने में SIR पूरा करने का आरोप
ममता बनर्जी ने कहा, 'कई केंद्रीय एजेंसियों ने बीएलओ को नियुक्त करने में भूमिका निभाई है. उन्होंने हमारी जानकारी के बिना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं. राज्य उन्हें पूरा सहयोग देगा, लेकिन मुझे इन सभी लोगों का ब्योरा पता होना चाहिए, जिसमें यह भी शामिल है कि वे कहां रहते हैं और किन विभाग में काम करते हैं.' मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर विधानसभा चुनाव से पहले जबरदस्ती यह कवायद दो महीने में पूरी करने का आरोप लगाया जिसमें दो साल लगते हैं.
उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसा बेशर्म आयोग पहले कभी नहीं देखा, और ना ही मैं भविष्य में वर्तमान आयोग को फिर से देखना चाहती हूं.'
ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर दक्षिण कोलकाता में अपने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र का जिक्र किए बिना कहा, 'कोलकाता नगर निगम के कई वार्डों में हाल में परिसीमन हुआ, जिसकी वजह से कई पते बदल दिए गए. इससे एसआईआर सूचियों में गलत मैपिंग हुई. यह बीएलओ की गलती नहीं है, यह आयोग की गलती है.'
उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'मतदाता सूचियों में बाहरी लोगों के नाम शामिल कराने की कोशिश की जा रही है. आपको सतर्क रहना होगा और इन लोगों की पहचान कर, आपत्ति दर्ज करानी होगी.'
इस दौरान ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय के लोगों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भी भरोसा दिलाया कि वे मताधिकार से वंचित होने की चिंता न करें.













