"मेरा सिर काट दो अगर ...": राज्य के कर्मचारियों के लिए अधिक महंगाई भत्ते की मांग पर ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला देते हुए दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर प्रदर्शनकारी उनका “सिर काट” लेते हैं तो भी सरकार उन्हें केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता (डीए) मुहैया नहीं करा पाएगी. बनर्जी का ये बयान राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग द्वारा केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता बढ़ाने की अपनी मांग पर अड़े रहने के मद्देनजर आया है. कर्मचारियों को राज्य की विपक्षी दल बीजेपी, कांग्रेस और वामपंथी दलों का भी साथ मिल रहा है. 

विधानसभा में विस्तारित बजट सत्र में बोलते हुए बनर्जी ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला दिया तथा दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है.

उन्होंने कहा, “आप (आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारी) कितना चाहते हैं? आपको कितने से संतुष्टी मिलेगी? कृपया मेरा सिर काट दें और फिर उम्मीद है कि आप संतुष्ट होंगे ...यदि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं, तो मेरा सिर काट दें. लेकिन आप मुझसे और नहीं पाओगे.”

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बताते चलें कि राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को विधानसभा में 2023-24 का बजट पेश किया था. बजट में उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार मार्च से शिक्षकों और पेंशनरों सहित अपने कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए का भुगतान करेगी.

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संग्रामी जौथा मंच (संयुक्त संघर्ष मंच) सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न संगठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.

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