गाजा-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध (Israel Hamas Attack) के बीच नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि जब भी युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है. मलाला ने कहा कि वह युद्ध क्षेत्र में शांति और न्याय की उम्मीद कर रहे लोगों के लिए दुखी हैं. मलाला ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि वह जंग में फंसे फिलिस्तीनी और इजरायली बच्चों के बारे में सोच कर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध कभी भी बच्चों को नहीं बख्शता है.
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'युद्ध में फंसे बच्चों के लिए दुखी हूं'
मलाला ने कहा कि युद्ध में उन बच्चों को नहीं बख्शा गया, जिनको इजरायल से बंधक बनाया गया था या फिर जो हवाई हमले के बाद छिपे हुए थे या फिर वो बच्चे जो गाजा में बिना खाना-पानी के छिपे हुए थे. मलाला ने कहा कि आज वह शांति और न्याय की चाह रखने वाले सभी बच्चों और लोगों के लिए दुखी हैं.
मलाला ने तालिबान के आतंक को किया याद
मलाला यूसुफजई ने साल 2012 के उस भयावह आतंक के दृश्य को याद किया, जब वह सिर्फ 11 साल की थीं. उस समय तालिबान फोर्सेस ने उको मारने की कोशिश की थी लेकिन वह बच गईं. मलाला ने कहा कि जब उन्होंने हिंसा और आतंकवाद देखा उस समय वह सिर्फ 11 साल की थीं. वह हर दिन मोर्टार, गोलों की आवाज से जागती थीं और अपने स्कूलों और मस्जिदों को सामने नष्ट होते हुए देखा. उस समय शांति के बारे में वह सिर्फ सोच ही सकती थीं.
'हमास ने इजरायल के 40 बच्चों को मार डाला'
इजरायल के i24 न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमास के आतंकियों ने करीब 40 बच्चों की हत्या कर दी. यह दृश्य कल्पना से परे था .कुछ सैनिकों ने उस भयावह मंजर का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें ऐसे बच्चे भी मिले जिनके सिर कटे हुए थे. पूरे परिवारों को सोते हुए ही गोलियों से भून दिया गया था. अब तक ऐसे करीब 40 बच्चों को बाहर निकाला जा चुका है. बता दें कि शनिवार को हमास के हमले के बाद युद्ध और भी तेज हो गया है. दोनों तरफ से 3 हजार से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं. इस भयावह स्थिति के बीच मलाला यूसुफजई ने सोशल मीडिया पर "तत्काल युद्धविराम" का आह्वान किया है.
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