मक्के का खेत कैसे बनेगा तेल का कुआं? केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी

इथेनॉल बनाने वाली कंपनी से मक्का उगाने वाले किसानों को सीधे जोड़ा जाएगा ताकि मक्का किसानों की सारी फसल का MSP के दाम से मिलेगा भारत सरकार विदेशी मुद्रा बचाने के लिए इथेनॉल 20 फ़ीसदी मिलाना पेट्रोल और डीज़ल में ज़रूरी है. इसीलिए अमित शाह ने कहा कि अब किसानों का खेत तेल का कुंआ बनेगा. 

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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा है कि  इथेनॉल बनाने वाली कंपनी से मक्का उगाने वाले किसानों को सीधे जोड़ा जाएगा ताकि मक्का किसानों की सारी फसल का MSP के दाम से मिलेगा भारत सरकार विदेशी मुद्रा बचाने के लिए इथेनॉल 20 फ़ीसदी मिलाना पेट्रोल और डीज़ल में ज़रूरी है. इसीलिए अमित शाह ने कहा कि अब किसानों का खेत तेल का कुंआ बनेगा. 

दाल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम. आज केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह अरहर यानि तूर दाल के किसानों के पंजीकरण, ख़रीद और भुगतान पोर्टल लांच करेंगे . दलहन उत्पादक किसानों से अब पोर्टल के ज़रिए सरकार सीधे दाल ख़रीदेगी. वेबसाइट पर पंजीकरण करके NAFED और NCCF के ज़रिए दाल की ख़रीद और भुगतान होगा. बीते दिनों दाल ख़ासकर अरहर या तूर की क़ीमतों में 40 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि चना 11 फ़ीसदी और मूँग क़रीब 13 फ़ीसदी दाम में बढ़ोतरी हुई है.

फ़िलहाल क़ीमतों को क़ाबू में रखने के लिए सरकार तूर यानि अरहर की दाल 4 लाख टन आयात कर रही है . इस साल अरहर दाल की बुआई का रक़बा भी घटा है इसे बढ़ना सरकार के लिए चुनौती है. इस साल करीब 43.86 लाख हेक्टेयर में हुई जबकि पिछले साल 46.12 लाख हेक्टेयर रक़बे में बुआई हुई थी.

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देशभर के दलहन उत्पादन को बढ़ावा  देने के लिए देशभर के किसानों को दिल्ली बुलाया गया है. क़रीब 11.30 बजे अमित शाह पोर्टल को लॉंच करेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे E-Samridhi app के जरिए फिलहाल आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और तेलांगाना के किसान जुड़ सकते हैं.

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भारत सरकार दाल की कीमतों में असामान्य कीमतों को रोकने के लिए बफर स्टॉक के लिए खरीद करेगी. बफर स्टॉक बनाने के लिए MSP से ऊपर बाजार दर पर सीधे किसानों से खरीद करेगी. अमित शाह सहकारिता मंत्री कम से कम MSP और इससे ज़्यादा बाज़ार रेट पर तूर दाल के भुगतान की शुरुआत की. दलहन के उत्पादन में दे़श की आत्मनिर्भरता को गति दिया जाएगा. भूमि सुधार और जल संरक्षण में बदलाव आने वाला है. कृषि क्षेत्र में सुधार आने वाला है. मूँग और तने में आत्मनिर्भर है लेकिन बाक़ी दलहन में हम आत्मनिर्भर नहीं है.

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2023 में दलहन का आयात करना हमारे लिए सम्माजनक नहीं है. दलहन के किसानों पर बड़ा ज़िम्मा है कि दलहन में आत्मनिर्भर हो . 2027 में दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगे . इसके लिए कई बैठक कृषि और सहकारिता मंत्रालय के बीच हुई है . दलहन में मेहनत करने के बावजूद दाम नहीं मिलते थे इसीलिए किसान दलहन नहीं उगा रहे हैं. उत्पादन से पहले अगर किसान रजिस्ट्रेशन करा लेंगे उनका MSP से ख़रीदा जाएगा . अगर MSP से ज़्यादा दाम है तो औसत निकालकर बाज़ार मूल्य पर भी दलहन ख़रीदा जाएगा
किसानों से कहता हूँ कि आपकी दलहन हम ख़रीदेंगे.

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शाकाहारी के लिए प्रोटीन के बड़े स्रोत के तौर पर दलहन है ये पोषण से भी जुड़ा है.दलहन की फसल उगाने पर नाइट्रोजन की ज़रूरत खेतों में अपने आप पूरी हो जाती है. दलहन के उत्पादन में पानी की ज़रूरत कम होती है इस बाबत भी फ़ायदेमंद है. इसीलिए इस तरह की फसल को आप चयनित करे.

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