भारतीय समूह ‘वेदांता' और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ‘फॉक्सकॉन' का 1.54 लाख करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होने की घोषणा के बाद विपक्ष के निशाने पर आई महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस राज्य को भी ऐसी ही एक परियोजना देने का आश्वासन दिया है.
महाराष्ट्र के बजाय गुजरात में संयंत्र स्थापित होने की घोषणा के एक दिन बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार इस नुकसान के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि तत्कालीन सरकार ने परियोजना की पेशकश पर सात महीने तक कोई तेजी नहीं दिखाई, जबकि नयी सरकार ने जुलाई में 38,831 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी थी.
वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना गुजरात के हाथों गंवाने पर विपक्ष ने शिंदे सरकार पर हमला बोला है, क्योंकि इस संयंत्र को पहले महाराष्ट्र में स्थापित करने का प्रस्ताव था. पुणे के पास तालेगांव को परियोजना लगाने के लिए चुना गया था.
मंत्री ने कहा कि परियोजना के लिए गुजरात सरकार और वेदांता-फॉक्सकॉन के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रधनमंत्री से बात की थी.
सामंत ने कहा, ‘‘तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने परियोजना की पेशकश को सात महीने तक लटकाए रखा. महाराष्ट्र सरकार के तत्कालीन उद्योग मंत्री ने सात जनवरी 2020 को घोषणा की थी कि वेदांता-फॉक्सकॉन महाराष्ट्र आने की इच्छुक नहीं है. तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक समेत अन्य राज्य परियोजना को अपने राज्य में लाने के इच्छुक थे.''
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एमवीए सरकार की देरी और मूर्खता के कारण परियोजना गुजरात चली गई.''
सामंत ने कहा कि शिंदे और फडणवीस के नेतृत्व में राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल अगले 8 से 15 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री से मुलाकात करेगा और राज्य के लिए एक (ऐसी ही) परियोजना प्राप्त करने का प्रयास करेगा.
शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा था कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार द्वारा परियोजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने संभावित निवेशकों का विश्वास खो दिया है.