महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर फिर हमला बोला है और कहा है कि वो अपनी बात पर कायम हैं कि वानखेड़े ने एससी सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा किया है, तब उस पद पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि वानखेड़े ने एक गरीब एससी का अधिकार छीना है.
मलिक का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही शनिवार को समीर वानखेड़े ने मुंबई में एससी/एसटी आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद अरुण हलदर ने कल मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि समीर वानखेड़े ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया है.
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हलदर के बयान पर नवाब मलिक ने कहा, "हलदर जी आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं, उसकी गरिमा रखें. समीर वानखेड़े ने धर्म परिवर्तन नहीं किया क्योंकि वो जन्म से मुसलमान हैं, उनके पिता ने धर्म परिवर्तन किया था. मैं अपनी बात पर कायम हूं कि वो एससी सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा करके उस पद पर बैठे हैं, उन्होंने एक गरीब एससी का अधिकार छीना है."
उधर, महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने कहा कि अगर कोई समीर वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर आपत्ति दर्ज करेगा तो उनका विभाग उसकी जांच कर सकता है. पुणे में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुंडे ने कहा, ‘‘अगर कोई समीर वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र पर आपत्ति दर्ज करता है और समाजिक न्याय विभाग में शिकायत दर्ज कराता है तो मामले की जांच की जाएगी.''
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मुंडे के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और राज्य मंत्रिमंडल में सहयोगी नवाब मलिक ने इससे पहले आरोप लगाया था कि वानखेड़े का जन्म मुस्लिम परिवर में हुआ है और उन्होंने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया है जिसमें संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भर्ती में आरक्षण का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र भी शामिल है.