महायुति सरकार में फिर अनबन! शिंदे गुट के मंत्रियों ने अजित पवार पर लगाया बड़ा आरोप, शिंदे से की शिकायत

एनसीपी के नेता आनंद परांजपे ने कहा कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत और विधानमंडल द्वारा पारित बजट में फंड आवंटित किए जाते हैं और उसी के अनुसार वितरित किए जाते हैं. फंड के डायवर्ट या कटौती का कोई सवाल ही नहीं है.

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मुंबई:

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में एक बार फिर से दरार देखने को मिल रही है. शिवसेना कोटे के मंत्री, उपमुख्यमंत्री अजित पवार से नाराज बताए जा रहे हैं. मंत्रियों ने एकनाथ शिंदे से अजित पवार की शिकायत की है और आरोप लगाए हैं कि उन्हें विकास के कामों के लिए फंड नहीं दिए जा रहे हैं. हालांकि एनसीपी ने अजित पवार पर लगे आरोपों का खंडन किया है.

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई, जिसमें उनके कामकाज का जायजा लिया गया. ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि सभी मंत्रियों ने एक सुर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि महायुति सरकार में सभी मंत्रियों को समान न्याय मिलनी चाहिए.

मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि हमने अपने नेता एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की. अजित पवार के खिलाफ कोई सीधी बात नहीं है, लेकिन सभी की राय थी कि वित्त मंत्रालय को फंड बांटते समय न्याय करना चाहिए. सभी को समान अवसर मिलना चाहिए.

वहीं एनसीपी के नेता आनंद परांजपे ने इन खबरों को मीडिया की अटकलें बताते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर लग रहे आरोपों का खंडन किया. वहीं महायुति के तीनों नेता देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच उत्तम समन्वय होने की बात की.

फंड के डायवर्ट या कटौती का कोई सवाल ही नहीं- एनसीपी

आनंद परांजपे ने कहा कि शिवसेना कोर्ट के मंत्री के अजित पवार से नाराज होने की खबरें मीडिया में चल रही अटकलें मात्र हैं. डीसीएम एकनाथ शिंदे ने अपने सभी मंत्रियों की बैठक ली और उनके विभागों में काम की प्रगति की समीक्षा की. अजित पवार के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई. कैबिनेट द्वारा स्वीकृत और विधानमंडल द्वारा पारित बजट में फंड आवंटित किए जाते हैं और उसी के अनुसार वितरित किए जाते हैं. फंड के डायवर्ट या कटौती का कोई सवाल ही नहीं है. महायुति में सब ठीक है और तीनों नेताओं के बीच अच्छा समन्वय है.

सार्वजनिक मुद्दे पीछे, फंड, कार, बंगला आगे- आदित्य ठाकरे

इधर शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने महायुति में दरार की खबरों पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रियों की महाविकास अघाड़ी में भी यही शिकायत थी और अब महायुति में भी यही शिकायत है. ऐसे में लोगों का काम कहां हो पा रहा है.

आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब वे (मंत्री) गुवाहाटी भाग गए थे, तब उन्होंने कहा था कि अजित दादा उन्हें फंड नहीं दे रहे हैं. उन्होंने यहां तक ​​कहा था कि वे भुजबल के बगल में नहीं बैठेंगे. ये यादें उनके लिए फिर से ताजा हो रही हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लोग फंड, कार, बंगला, संरक्षक मंत्री पद के लिए लड़ने में व्यस्त हैं, लेकिन सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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