महाराष्ट्र निकाय चुनाव का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने पुराने आरक्षण के तहत कराए जाने का दिया आदेश

JK भाटिया कमीशन के आधार पर इन चुनावों में OBC रिजर्वेशन दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने में चुनाव पूरा कराने का आदेश दिया है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के संवैधानिक जनादेश के अनुसार समय-समय पर चुनाव होना चाहिए.

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पुराने आरक्षण के आधार पर इन्हें कराए जाने का आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्तों में चुनावों की अधिसूचना भी जारी करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य चुनाव आयोग को निर्देश महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में 2022 से पहले की आरक्षण व्यवस्था लागू होगी.

JK भाटिया कमीशन के आधार पर इन चुनावों में OBC रिजर्वेशन दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने में चुनाव पूरा कराने का आदेश दिया है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के संवैधानिक जनादेश के अनुसार समय-समय पर चुनाव होना चाहिए. नगर निकायों के चुनाव हो सकते हैं, लेकिन इसकी वैधता लंबित कार्यवाही के परिणाम के अधीन होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनावों को इतने लंबे समय तक लंबित रखने के पीछे कोई लॉजिक है? सभी स्थानीय निकायों के चुनाव के उद्देश्य से ONC आरक्षण को जेके बांटिया आयोग की 2022 की रिपोर्ट से पहले कानून के अनुसार पढ़ा जाना चाहिए.  छह सदस्यीय आयोग ने जुलाई 2022 की तारीख वाली एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. उस रिपोर्ट के अलावा पिछड़ेपन की प्रकृति के मुद्दे पर विचार करने के लिए आयोग के गठन से लेकर कई मुद्दे अदालत के समक्ष लंबित हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा आज हुई सुनवाई के बाद अंतरिम व्यवस्था देते हुए महाराष्ट्र लोकल बॉडी चुनाव 2022 के पुराने आरक्षण व्यवस्था के आधार पर कराने का दिया आदेश है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव क्यों नहीं हो रहे है?
अधिकारी स्थानीय निकाय के पदों पर बैठे हैं. इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? अगर मामला सालों तक चलता रहेगा तो चुनाव नहीं होंगे? इन चुनावों का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होगा।

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