चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों 2024 (Maharashtra Jharkhand Assembly Elections 2024) की तारीखों का ऐलान किया. इसके साथ ही 13 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों (केरल के वायनाड, महाराष्ट्र के नांदेड़) पर उपचुनाव (Bypoll 2024) का ऐलान हुआ है. वोटिंग की तारीखों का ऐलान करने के दौरान चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि एग्जिट पोल के मामले में EC के हाथ बंधे हुए हैं. लेकिन, इस पर आत्मचिंतन की जरूरत है. एग्जिट पोल पर नजर रखने वाली संस्थाओं को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव हुए थे. करीब-करीब सभी एग्जिट पोल ने अपने नतीजों में कांग्रेस को बंपर बहुमत मिलता दिखाया था. लेकिन 8 अक्टूबर को नतीजे एग्जिट पोल से बिल्कुल उलट आए. हरियाणा में BJP ने बहुमत हासिल किया. ऐसे में एग्जिट पोल की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े होने लगे.
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मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने बताया, "आमतौर पर पोलिंग खत्म होने के तीसरे दिन काउंटिग होती है. वोटिंग पूरी होने पर शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल के जरिए किसकी सरकार बनने जा रही है, इसे लेकर एक उम्मीद जगा दी जाती है. लोगों को लगता है कि यही होने वाला है. हालांकि, एग्जिट पोल का कोई साइंटिफिक बेस नहीं है. वोटों की काउंटिंग का समय 8 बजे शुरू होता है. शुरुआत में पोस्टल बैलेट गिने जाते हैं. लेकिन चैनलों पर 8 बजकर 5 मिनट से ही रिजल्ट आने लगते हैं. यह बिल्कुल बकवास है."
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CEC ने साफ किया, "वोटों की पहले राउंड की काउंटिंग सुबह 8:30 बजे शुरू होती है. लेकिन हमारे पास सबूत हैं कि चैनलों पर 8:15 पर ही लीड बताई जाने लगती है. चुनाव आयोग पहले राउंड की वोटिंग का ट्रेंड सुबह 9.30 बजे वेबसाइट पर डालता है. वास्तविक नतीजे जब ट्रेंड से मेल नहीं खाते, तो बात गंभीर हो जाती है. इस मामले में बेशक हमारे हाथ बंधे हैं, लेकिन हमें सेल्फ करेक्शन की उम्मीद है."
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