महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को एक योजना की घोषणा की, जिसके तहत वह गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन बसर करने वाली और स्वयं सहायता समूह (SHC) की महिलाओं को एक रुपये में 10 सैनिटरी नैपकिन मुहैया कराएगी. राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हसन मुशरिफ द्वारा जारी यह आदेश 15 अगस्त से प्रभावी होगा और इससे ग्रामीण क्षेत्र की 60 लाख महिलाओं को लाभ होगा. यह फैसला विश्व मासिकधर्म स्वच्छता दिवस पर लिया गया.
मुशरिफ ने कहा, ‘‘इस फैसले से गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वाली ग्रामीण महिलाओं को लाभ होगा. फिलहाल 19 साल से कम उम्र की लड़कियों को छह रुपये में छह सैनिटरी नैपकिन मिलते हैं. लेकिन नयी योजना का लाभ बीपीएल श्रेणी की सभी महिलाओं को मिलेगा. प्रत्येक गांव में सैनिटरी नैपकिन की बिक्री के लिए मशीन लगाई जाएगी.''
मंत्री ने कहा कि इस योजना को लागू करने में सालाना 200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
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