उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह बंबई उच्च न्यायालय की नयी इमारत के निर्माण के लिए भूमि का पहला हिस्सा सितंबर के अंत तक सौंपने का प्रयास करे.प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को पूरी जमीन सौंपने के लिए साल के अंत तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है और उपलब्ध होने पर छोटे-छोटे भूखंड दिये जा सकते हैं.
न्यायालय ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र सरकार को सितंबर 2024 के अंत तक, भूमि के पहले हिस्से के रूप में 9.64 एकड़ भूखंड सौंपने का हरसंभव प्रयास करने का निर्देश देते हैं.
शीर्ष अदालत, उच्च न्यायालय के लिए नये भवन की तत्काल आवश्यकता के संबंध में बंबई बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन ठक्कर और बार के अन्य नेताओं की 29 अप्रैल की एक याचिका पर गौर करने के बाद स्वत: संज्ञान वाले क्षेत्राधिकार के तहत एक मामले की सुनवाई कर रही है. बंबई उच्च न्यायालय की मौजूदा इमारत 150 वर्ष पुरानी है. वाद का शीर्षक ‘बंबई उच्च न्यायालय की विरासत इमारत और उच्च न्यायालय के लिए अतिरिक्त भूमि का आवंटन' था.
शुक्रवार को, महाराष्ट्र के महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया था कि जमीन उपलब्ध कराने के लिए दिसंबर की समय सीमा का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह एकीकृत विकास का हिस्सा है और वर्तमान में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू है.
न्यायालय ने कहा, ‘‘योजना बनाने के लिए आपको एमसीसी (हटाने की) की आवश्यकता नहीं है. निर्वाचन आयोग आपको छूट देगा. आप सितंबर तक 9.64 एकड़ जमीन चिहि्न्त कर लें.''पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं. मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.
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