महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की एक अदालत ने बुधवार को कथित तौर पर हत्या के प्रयास के एक मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे को जमानत दे दी. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने 2 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण किया था. बुधवार को जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (सिंधुदुर्ग) आर बी रोटे ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली. यह मामला पिछले साल सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है.
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विधायक ने कई मौकों पर दावा किया था कि उन्हें महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी (शिवसेना, जो एमवीए सरकार का नेतृत्व करती है) द्वारा टार्गेट किया जा रहा था, क्योंकि पिछले महीने राज्य विधानमंडल परिसर के बाहर मजाक बनाने की एक कथित घटना से वह अपमानित और आहत महसूस कर रहे थे.
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शिवसेना के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि जब वह 23 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुंबई में विधान भवन भवन के अंदर जा रहे थे, तब नितेश राणे ने महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की ओर देखते हुए 'म्याऊ म्याऊ' की आवाज निकाली थी.
सिंधुदुर्ग जिला बैंक चुनाव के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए हमले के आरोपी बीजेपी विधायक नितेश राणे को आज सिंधुदुर्ग सत्र न्यायालयने सशर्त जमानत दी है. इसमें यह शर्तें शामिल हैं:
- 30000 रुपये जमानत शुल्क
- चार्जशीट दाखिल होने तक कणकवली तालुका में प्रवेश पर पाबंदी
- जब भी जांच अधिकारी बुलाएंगे तो हाजिर होना पड़ेगा
- कणकवली के बाहर जहा भी रहेंगे उसका पता देना होगा
- हर हफ्ते सोमवार को सिंधुदुर्ग जिले के ओरोस पोलिस स्टेशन में हाजिरी देनी होगी
नितेश राणे देवगड कणकवली विधानसभा के विधायक और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के छोटे बेटे हैं.