महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray ) ने अपना सरकारी आवास 'वर्षा' को छोड़ दिया है और वो अपने पारिवारिक घर मातोश्री की ओर रवाना हो गए हैं. उद्धव ठाकरे ने जब सरकारी बंगला छोड़ा तो वहां हजारों शिवसेना कार्यकर्ताओं का हुजूम था, जो उनके समर्थन में नारेबाजी कर रहा था. उनकी गाड़ी पर फूल बरसाए जा रहे थे. दोनों जगहों पर भारी भीड़ के बीच उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे पर भी फूल बरसाए गए. मातोश्री के बाहर भारी भीड़ के बीच उद्धव ठाकरे बाहर ही उतरे और कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए अंदर गए. इससे पहले फेसबुक लाइव के दौरान भी उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर कोई शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनता है तो वो सीएम पद छोड़ने को तैयार हैं.
इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें सत्ता का कोई मोह नहीं है और वो कुर्सी पकड़कर बैठने वालों में से नहीं हैं. उद्धव ठाकरे करीब ढाई साल से राज्य के मुख्यमंत्री नहीं है. फेसबुक लाइव के दौरान उद्धव ने कहा था कि अगर आप चाहते हैं कि मैं सीएम न रहूं तो मैं तुरंत ही इस पद को छोड़कर अपने घर मातोश्री चला जाऊंगा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि मैं बस ये कहना चाहता हूं मैं अपने अलावा इस पद पर किसी शिवसैनिक को ही देखना चाहता हूं.खास बात यह है कि उद्धव ठाकरे से मुलाकात में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेताओं ने यह कहा है कि अगर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो उन्हें ऐतराज नहीं है.
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इससे पहले एकनाथ शिंदे ने संकेत दिया था कि वो महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार को लेकर तैयार नहीं हैं. शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन से बाहर आना जरूरी है, तभी शिवसेना का अस्तित्व बचाया जा सकता है. उनका कहना है कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र में इस सरकार में सिर्फ शिवसेना को ही नुकसान पहुंचा है. हालांकि शिवसेना की इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने हालांकि ये कहा कि उद्धव ठाकरे वर्षा से मातोश्री शिफ्ट होंगे, लेकिन वो मुख्यमंत्री हैं औऱ मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उन्होंने इस्तीफा देने के सवाल से इनकार किया.सूत्रों ने बुधवार शाम को यह जानकारी दी.
इससे पहले सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनसीपी और कांग्रेस ने कहा है कि एकनाथ शिंदे को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो उन्हें ऐतराज नहीं है. इस बीच, शिवसेना के जो तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं, उनमें से एक योगेश कदम हैं, जो दपोली सीट से विधायक हैं. वो रामदास कदम के बेटे हैं, जिससे शिवसेना की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इससे पहले, महाराष्ट्र में सियासी संकट को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने चुप्पी तोड़ी.अपनी पार्टी शिवसेना में तेज होती बगावत के बीच अपने भावुक संदेश में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
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उद्धव ने जोर देकर कहा था कि शिवसेना कभी भी हिंदुत्व को नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हमारी पहचान है. मैं ऐसा पहला सीएम हूं तो हिंदुत्व पर बात करता हूं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कोविड महामारी के प्रकोप से जूझ रहा था. सीएम के तौर पर मैं जिस तरह कोविड पर नियंत्रण कर पाया, वह आपके समर्थन से संभव हुआ.उन्होंने कहा, "मुझ पर लोगों/पार्टी जनों से नहीं मिलने के आरोप लगाए गए. जहां तक लोगों से न मिलने की बात है तो इसका कारण यह था कि मैं अस्वस्थ था और इस कारण लोगों से मिल नहीं पा रहा था. ऐसा नहीं है कि मेरे अस्वस्थ्य नहीं रहने के दौरान प्रशासनिक काम नही हो रहा था वह चल रहा था." उद्धव ने कहा, "लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं रही मैं पूछता हूं क्या फर्क है. यह अभी भी पहले वाली ही शिवसेना है. "