महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Maharashtra BJP Chief Chandrakant Patil) ने शुक्रवार को शिव सेना नेता संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) पर निशाना साधा और जानना चाहा कि उन्होंने हाल ही में रायगढ़ जिले के एक गांव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी के कथित रूप से स्वामित्व वाले "बंगलों" के महीनों पुराने मुद्दे को क्यों उठाया?
पाटिल ने कहा कि सवाल उठता है कि क्या राज्यसभा सांसद राउत ने मुंबई के उपनगर बांद्रा में ठाकरे के निजी आवास "मातोश्री" की नींव को कमजोर करने के लिए किसी के इशारे पर ऐसा किया?
राज्य के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता पाटिल ने कहा, ‘‘बंगलों के 19 महीने पुराने मुद्दे को उठाने के पीछे संजय राउत की मंशा संदेहास्पद मालूम होती है. इस मुद्दे को उठाने पर, सवाल अभी भी वही है कि क्या वह ‘मातोश्री' को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि यह सबकुछ किसी के निर्देश पर किया जा रहा है.''
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बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने बुधवार को आरोप लगाया था कि राउत ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कोरलाई गांव में "बंगलों" को लेकर एक पुराने विवाद का जानबूझकर जिक्र किया, क्योंकि जब उनके खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए और मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों ने उनका समर्थन नहीं किया तो राउत ने "द्वेष" भाव में ऐसा किया.
उधर, शिवसेना सांसद ने किरीट सोमैया द्वारा बार-बार उल्लेख किए गए "बंगलों" के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया है. मंगलवार को राउत ने सोमैया के खिलाफ एक व्यक्तिगत हमला किया था, जो राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना और अन्य दलों के नेताओं के खिलाफ कई आरोप लगाते रहे हैं.
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बता दें कि किरीट सोमैया ने शुक्रवार को रायगढ़ जिले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे से कथित रूप से जुड़े 'बंगलों' से संबंधित मामले की जांच की मांग की थी. सोमैया ने रेवदंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी की प्रति ट्विटर पर साझा की थी.
सोमैया ने अपनी शिकायत में कहा था, “हमें बताया गया है कि रायगढ़ जिले के कोरलाई गांव में (कथित तौर पर) रश्मि उद्धव ठाकरे के स्वामित्व वाले 19 बंगले हैं. आज, हम कोरलाई ग्राम पंचायत (गाँव का प्रशासनिक निकाय) पहुंचे. पिछले दो दिनों से, सरपंच (ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रमुख) हमें बता रहे हैं कि ऐसा कोई बंगला नहीं है.”
पूर्व सांसद ने पुलिस से पूछा कि इन बंगलों का क्या हुआ? भाजपा नेता का आरोप है कि मई 2020 में विधानपरिषद के लिए चुने जाने पर चुनाव आयोग के समक्ष दायर मुख्यमंत्री के हलफनामे में संपत्ति के स्वामित्व का कोई उल्लेख नहीं किया गया था.
हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना अतीत में सोमैया द्वारा बताए गए बंगलों के अस्तित्व पर ही सवाल उठा चुकी है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने इससे पहले भाजपा नेता को उन जगहों को दिखाने की चुनौती दी थी, जहां इन घरों का निर्माण किया गया है.