जमीयत-उलमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि दुनिया का कोई भी बोर्ड मदरसों की स्थापना के मकसद को नहीं समझ सकता, इसलिए मदरसों के किसी बोर्ड से जुड़ने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. सहारनपुर जिले के देवबंद में आयोजित मदरसा संचालकों के सम्मेलन को खिताब करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि मदरसों को किसी भी सरकारी मदद की जरूरत नहीं है.
मौलाना मदनी ने मदरसों को किसी भी बोर्ड से संबद्ध किए जाने का विरोध किया है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए मदरसों के सर्वे के बाद दारुल उलूम सहित गैर सरकारी मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त बताए जाने के बाद दारुल उलूम देवबंद का यह बड़ा बयान सामने आया है. इस बैठक में चार अहम फ़ैसले लिए गएः-
1. कोई भी मदरसा सरकारी सर्वे का विरोध नहीं करेगा.
2. मदरसे किसी भी बोर्ड से अपने आपको संबद्ध नहीं कराएंगे.
3. बच्चों को 5वीं तक स्कूली शिक्षा मदरसों में ही दी जाएगी.
4. मदरसों में पढ़ाए जा रहे इस्लामिक पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं किया जाएगा.
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