मध्‍य प्रदेश: बेमौसम बारिश से किसान पर 'मार', खरीदी केंद्रों पर करोड़ों रुपये का गेहूं बर्बाद

बारिश ने मध्‍य प्रदेश में खरीदी केंद्रों में रखे करोड़ों रुपये के गेहूं को लगभग बर्बाद कर दिया है वहीं उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की फसल बेचने पहुंचे अन्नदाता की उम्मीदें दम तोड़ रही हैं.

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कई खरीदी केंद्रों में इसकदर पानी भरा है कि गेहूं सड़ने की वजह से बदबू आने लगी है
भोपाल:

चक्रवाती तूफान ताउते की वजह से मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश से काफी नुकसान हुआ है. बारिश ने खरीदी केंद्रों में रखे करोड़ों रुपये के गेहूं को लगभग बर्बाद कर दिया है वहीं उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की फसल बेचने पहुंचे अन्नदाता की उम्मीदें दम तोड़ रही हैं. कई जगहों पर दो सप्ताह से ज्यादा लाइन लगाए खरीदी केन्द्रों में खड़ी ट्रॉलियों में रखा गेहूं मूसलाधार बारिश में खराब होने की नौबत पर पहुंच गया है. साइक्‍लोन ताउते से विंध्य के किसान परेशान हो गए हैं. सतना जिले के खरीदी केंद्रों में इसकदर पानी भरा है कि गेहूं सड़ने की वजह से बदबू आने लगी है. यहां 137 खरीदी केंद्र है जिसमें से सिर्फ 28 में शेड ओर गोडाउन की व्यवस्था है. बाकी खरीदी केंद्र खुले में हैं. बारिश इतनी ज्‍यादा हुई है कि कुछ स्‍थानों पर तो पंप लगाकर पानी निकाल रहे हैं.

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किसान रोहित मिश्रा बताते हैं, 'पानी चारों तरफ भर गया है. अनाज सड़ गया है, मोटर लगाकर बाहर फेंक रहा हूं. शासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है. एक अन्‍य किसान अनिल कहते हैं, '5 दिन से ट्रॉली खड़ी है. 800 रु रोज भाड़ा लग रहा है. बारिश की वजह से तौल नहीं हो रहा है. पहले बारदाना नहीं था. भिंड जिले के हर ब्लॉक में किसानों का उपार्जन खरीदी इन दिनों चल रही है. हर खरीदी केंद्र पर हजारों क्विटंल गेहूं की फसल लेकर किसान खड़े हुए है. जिलेभर के 58 खरीद केंद्रों पर करीब 60 हजार क्विटंल गेहूं की फसल तौलकर रखी है, कई किसान खरीदी का एसएमएस मिलने के बाद पाँच दिन से तुलाई का इंतजार कर रहे थे. किसान लक्ष्मण सिंह कहते हैं, 'हम 4 तारीख से घूम रहे हैं हमारा गेंहू नहीं तुला. छिंदवाड़ा में भी कई सहकारी समितियों में खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है.कई जगहों पर प्रबंधन ने बारिश से बचाव के लिए गेहूं के बोरे पर तिरपाल तक नहीं ढंका गया. अधिकारियों ने भी गेहूं के उठाव के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं बनाई. 

बारिश इतनी ज्‍यादा हुई है कि कुछ स्‍थानों पर तो पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा 

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कटनी में भी लापरवाही से किसानों का गेंहू बारिश की भेंट चढ़ गया है. जिले में कुल 88 खरीदी केंद्र है जिसमें अब तक 1,89,232 मी. टन खरीदी की जा चुकी है. प्रशासन ने सभी खरीदी केंद्र प्रभारियों को बारिश से बचाव के लिए आवश्यक रखरखाव करने के निर्देश दिए थे बावजूद इसके किसानों के गेहूं को बारिश से बचाया नहीं जा सका. किसान दीपक तिवारी कहते हैं, 'यहां बारदाना की समस्या रही है. व्यापारियों को पहले मिलता है हम लोगों का माल पड़ा रह गया. खरीदी केंद्र प्रभारी, कौड़िया राजेन्द्र तिवारी ने बताया, 'परसों गाड़ियां आई थी आज बिल्कुल नहीं, इसलिये उठाव नहीं हो रहा है.बैतूल के आठनेर में लगभग 35 किसानों का 15 सौ क्विंटल गेंहू दो दिनों में हुई बारिश से पूरी तरह भीग गया है. पहले से खरीदा दो हजार क्विंटल गेहूं भी खुले में रखे होने से भीग गया. किसानों का कहना है उनको एसएमएस 12 दिन पहले आ गए थे लेकिन समिति प्रबंधक ने गेंहू नहीं खरीदा. नाराज किसानों ने आठनेर-मुलताई सड़क पर चक्काजाम कर दिया.उधर, होशंगाबाद के पिपरिया और बनखेड़ी खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे रखा हजारों क्विंटल गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया, आरोप है गलत मैपिंग के चलते खरीदी केंद्रों से गेहूं का भंडारण 20 किलोमीटर दूर के गोदामों में किया गया जिसके चलते ट्रांसपोर्टिंग में समय लगा. नरसिंहपुर के सहावन और तूमड़ा जैसे खरीदी केन्द्रों में हजारों क्विंटल गेहूं बारिश में भींग गया, जिले में 60 हजार हेक्टेयर में लगी मूंग पर भी खतरा है. किसान गोविंद पटेल कहते हैं, 'चार दिन हो गई तुलाई नहीं हुई, बारदाना नहीं मिल रहा.' एक अन्‍य किसान शेरमिल गुर्जर ने कहा, 'बारदाना नहीं है. बरसात हो रही है दर्दशा हो रही है, 5-7 बोरा गेंहू खराब हो गया.'

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मध्य प्रदेश में बनाए गए 5171 उपार्जन केन्द्रों पर अब तक 13,54,497 किसानों से एक करोड़ मीट्रिक टन से अधिक गेहूं, चना एवं मसूर की खरीदी की जा चुकी है. रबी उपार्जन में इस बार 35,79,423 किसानों ने अपना पंजीयन करवाया, इनमें से गेहूं के लिए 4657 केन्द्र और चना, मसूर एवं सरसों के लिए 514 केन्द्रों पर खरीदी का काम हो रहा है. फसल खरीदी के लिए 32,74,625 किसानों को एसएमएस किये गये हैं. सरकार का कहना है 20,191 करोड़ रूपये की खरीदी हुई है जिसमें 15,476 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है. 92,64,858 मीट्रिक टन उपज का परिवहन भी किया जा चुका है. 

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पड़ोस के छत्तीसगढ़ राज्‍य में भी बेमौसम बारिश से धान का किसान परेशान है. बालोद जिले के डौण्डी लोहारा में लगभग 15 सौ एकड़ में धान तेज बारिश के साथ ओले गिरने से झड़ने लगे. ऐसे में किसान इसे मवेशियों को चराने को मजबूर हैं. किसानों की मानें तो राजस्व विभाग के पटवारी नुकसान का गलत आंकलन कर रहे हैं. किसान धनेश्वर ठाकुर कहते हैं, 'मेरा धान पूरा बर्बाद हो गया, तीन एकड़ खेत है पूरे फसल का नुकसान हो गया.' एक अन्‍य किसान फेनी ने बताया, '3 एकड़ में मेरे खेत हैं, अचानक बरसात से पूरा धान खराब हो गया. कलेक्‍टर जन्मेजय महोबे ने कहा कि बेमौसम बारिश हुई है, रेवेन्यू को सर्वे करने को कहा है जो क्षति है उसके मुताबिक मदद की जाएगी.
 

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