मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कैबिनेट दर्जा प्राप्त रघुराज सिंह कंसाना (मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष) को ग्वालियर में एमपी/एमएलए की विशेष अदालत (MP/MLA Court) ने बड़ा झटका दिया है. कंसाना के खिलाफ दिल्ली पुलिस की एक टीम पर हमले (डकैती और हत्या के प्रयास की धाराओं ) में चल रहे केस को वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले को एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा अंतिम चरण में है ऐसे में इसे खारिज करना कानून और जनता दोनों के हित में नहीं है.
क्या था पूरा मामला
साल 2012 में मध्य प्रदेश में जब शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में थी तब कंसाना और सहयोगियों पर आईपीसी की धारा 307, 186, 353, 332, 224, 225, 398 आईपीसी (डकैती, अपहरण, हत्या के प्रयास से संबंधित, लोक सेवक को काम में बाधा पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
गुर्जर समुदाय के ताकतवर नेता कंसाना 2012 में मुरैना जिला पंचायत अध्यक्ष (तब कांग्रेस के साथ) थे. जब दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उनके परिजनों को एक मामले में गिरफ्तार किया और आरोपियों को मुरैना सिटी कोतवाली ले गई. इसके बाद, कंसाना और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से पुलिस पर गोलियां चलाने के बाद आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था. बाद में दिल्ली पुलिस टीम के प्रभारी उप निरीक्षक द्वारा मुरैना कोतवाली में कंसाना और सहयोगियों के खिलाफ मई 2012 में मामला दर्ज किया गया था.
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