मध्य प्रदेश के सतना में समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदे गए गेहूं में मिलावट करने का मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी गेहूं की पैकिंग के दौरान वजन बढ़ाने के लिए रेत और धूल की मिलावट की जा रही है. वहां मौजूद किसी ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. प्रशासन ने मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं.
मामला सतना के रामपुर बघेलान तहसील के बांधा गांव की है. साइलो में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का भंडारण किया गया था. यहां गेहूं में रेत और मिट्टी मिलाकर उसका वजन बढ़ाने का खेल चल रहा था. आरोप है कि गेहूं के एक-एक बैग में 40 किलो तक की धूल-मिट्टी और रेत की मिलावट हो रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, साइलो बैग में बतौर ऑपरेटर काम करने वाले आयुष पांडेय को जब बर्खास्त किया गया, तो उसने ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
बर्खास्त कर्मचारी ने शेयर किया वीडियो
एनडीटीवी से बात करते हुए आयुष पांडेय ने बताया, 'बैग खोलने के बाद 30-40 क्विंटल मिट्टी डाली जाती थी. मैं स्टाफ में था और कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था. मैं इसे लेकर आपत्ति भी जाहिर की थी. 10 दिन बाद कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.' वहीं, कंपनी के मैनेजर का कहना है कि उन यहां मिलावट नहीं होती.
कंपनी के ब्रांच मैनेजर बोले- मैं छुट्टी पर था
कंपनी के ब्रांच मैनेजर ज्योति प्रसाद ने कहा, 'जो काम हो रहा है, उसे एफएक्यू के आधार पर ले रहे हैं. हमने 2 लाख 90000 क्विंटल गेहूं दे दिया. मैं 15 दिन से छुट्टी पर था. हो सकता है किसी ने कुछ कर दिया हो.'
क्या कहती है पुलिस?
एएसपी एस के जैन ने बताया, 'प्राथमिक जांच के बाद 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 417 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या कहते हैं सीएम?
इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान सी भी बात की गई. उन्होंने कहा, 'आपने गरीब कल्याण की बात कही. उसमें रेत में गेंहू समझ ही नहीं आ रहा. जहां ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, वहां तुरंत कार्रवाई होती है.'
पहले भी आ चुका है ऐसा मामला
इससे पहले जनवरी में सतना ज़िले में ही धान की बोरियों में बड़े-बड़े पत्थरों की तस्वीर सामने आई थी. बताया गया कि 15000 से ज्यादा बोरियों में रखा 6200 क्विंटल से ज्यादा धान अमानक था. जिसमें भरभरकर मिट्टी, बालू, पत्थर रखा गया था. सरकार और प्रशासन का कहना है कि मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है.
क्या कहते हैं ग्राहक और दुकानदार?
गरीबों के नाम पर विज्ञापनों में दिखने वाला राशन खूब साफ दिखता है, लेकिन असलीयत इन बोरियों में हैं. ग्राहक खिलायन सिंह कहते हैं, 'राशन कार्ड में तो राशन अच्छा ही मिल रहा है. अगर इतना देखेंगे तो खाएंगे क्या?' वहीं, राधा इरपाचे कहती हैं, 'राशन खराब तो आ रहा है. घुना गेहूं दिया. गेहूं में पूरे कीड़े रेंग रहे हैं.' जबकि, दुकान संचालक गगन बताते हैं, 'सप्लाई अच्छी आ रही है. कोई मिलावट नहीं है. अच्छा खाद्यान्न आ रहा है.
सतना के साइलो में पिछले दो साल में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये 7 लाख क्विंटल गेहूं का भंडारण किया गया. इसमें से करीब 3 लाख क्विंटल दूसरे जिलों समेत बिहार-झारखंड जैसे राज्यों में भी भेजा गया. लेकिन गरीबों के निवाले की क्वॉलिटी देखने की फुर्सत किसे है.