मध्य प्रदेश: NDTV के खबर का असर, 9 प्राइवेट हॉस्पिटल को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने थमाया नोटिस

नोटिस में इनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है, जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इनके लाइसेंस को निरस्त किया जा सकता है. दो से तीन दिन के भीतर कुछ अन्य अस्पतालों को नोटिस जारी किया जा सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.

एनडीटीवी (NDTV) ने मध्यप्रदेश में आपदा में अवसर की जो कहानी दिखाई बताया कि राज्य में नर्सिंग होम एक्ट के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों के जो रिकॉर्ड हमें मिले उससे साफ है कि कैसे कोरोना की पहली और दूसरी लहर में धड़ाधड़ अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. एक ही डॉक्टर 8-10 अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टरों के नाम से रजिस्टर्ड हैं. मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का लाइसेंस मिला है लेकिन अस्पताल में एक डॉक्टर तक नहीं. खबर चलने के बाद सरकार जागी है, राजधानी भोपाल में नौ निजी अस्पतालों की जांच के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने इन्हें नोटिस थमा दिया है.

अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले दो लोग गिरफ्तार, 12 पिस्तौल बरामद

नोटिस में इनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है, जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इनके लाइसेंस को निरस्त किया जा सकता है. दो से तीन दिन के भीतर कुछ अन्य अस्पतालों को नोटिस जारी किया जा सकता है. इन अस्पतालों का अभी सीएमएचओ और जिला प्रशासन की तरफ से निरीक्षण कराया जा रहा है. बता दें कि स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी जिलों को नर्सिंग होम्स एक्ट के तहत अस्पतालों का निरीक्षण करने को कहा है.

सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने एनडीटीवी से कहा नौ निजी अस्पतालों को नोटिस दिया गया है. इन अस्पतालों को नया मरीज भर्ती नही करने के निर्देश दिए गए हैं. और अस्पतालों की जांच की जा रही है. सरकारी जांच में भी वही बातें सामने आईं जो जिसकी पड़ताल एनडीटीवी ने की थी,  जिन रेजिडेंट डॉक्टरों के नाम नर्सिंग होम के पंजीयन के दौरान दिए गए थे वह मौके पर नहीं मिले. नर्सें भी तय योग्यता के मुताबिक नहीं थीं.  बायोमेडिकल वेस्ट का ठीक से निपटान नहीं किया जा रहा था. ऐसे अस्पताल भी मिले जहां एक भी मरीज नहीं था.

कुछ अस्पतालों ने निरीक्षण के दौरान कहा कि डॉक्टर छोड़कर चले गए हैं, इस पर निरीक्षण टीम ने कहा कि इसकी जानकारी सीएमएचओ को क्यों नहीं दी गई. जिसमें अस्पतालों को नोटिस मिला है उसमें भोपाल के अर्नव अस्पताल (पटेल नगर), आशा मल्टी स्पेशियलिटी (80 फीट रोड), दीपश्री मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल कोल्हूकला (गोविंदपुरा), मकसूद मेमोरियल अस्पताल (नारियल खेड़ा), विंध्यश्री अस्पताल (अयोध्या बायपास), भारती मल्टी केयर अस्पताल, ईशु मल्टीस्पेशियलिटी (चिकलोद रोड बंगरसिया), रामसन अस्पताल (लांबाखेड़ा बैरसिया रोडा), रामांश अस्पताल, (हथाईखेड़ा आनंद नगर) शामिल हैं.

एनडीटीवी की जांच में पता लगा था कि राजधानी भोपाल में कुल 503 अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, डेंटल क्लीनिक हैं लेकिन 212 कोरोना काल यानी जनवरी 2020 से मई 2021 खुले हैं. इस अवधि में सिर्फ अस्पतालों की बात करें तो भोपाल में 104 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं. इनमें भी 29 अस्पताल मार्च, अप्रैल, मई में खुले. राज्य के 3 और बड़े शहरों को लें तो इंदौर में 274 अस्पताल हैं, 48 पिछले साल भर में खुले, जबलपुर में 138 में 34 साल भर में खुले जबकि ग्वालियर में 360 में 116 पिछले एक साल में खुले.

Advertisement

MP के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल PM मोदी से मिलेंगे, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

एनडीटीवी को दो दस्तावेज मिले हैं, वो बताते हैं कि इनमें 1-1 डॉक्टरों के नाम 8-10 अस्पतालों में भी बतौर रेजिडेंट डॉक्टर दर्ज हैं वो भी अलग-अलग शहरों में. इन अस्पतालों के उदाहरण से आप समझ गये होंगे कि इनके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेशन जारी करते वक्त ना तो सुविधा जांची गई, ना डॉक्टरों के नाम.

Advertisement
Featured Video Of The Day
MIG 29 Crash Video: Agra में Airforce का विमान क्रैश का लाइव Video आया सामने | Caught On Camera