मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले कांग्रेस हो या बीजेपी (Congress-BJP) इन दलों के टॉप नेताओं की रैलियों के भाषणों पर गौर करें तो पता चलता है कि दोनों का फोकस किसान, गरीब और महिलाओं पर हैं. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) से इन्हीं सवालों को लेकर NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. उनसे किसानों, महिलाओं और उद्योगों के विकास के लिए वैकल्पिक मास्टर प्लान' पूछा गया. इस पर मोहन यादव ने कहा, "मेरा फोकस बहुत क्लियर है. हमारे पास किसानों की खेती के अलावा आय बढ़ाना है. इसके लिए दूध उत्पादन एक जरिया हो सकता है. इसके लिए हमने को-ऑपरेटिव सोसाइटी से बात की है. भारत सरकार के पशुपालन विभाग से भी बात की जा रही है. भौगोलिक नजरिए से हमारे प्रदेश में इंडस्ट्रिज की काफी संभावनाएं हैं. बुंदेलखंड जैसे बड़ी आबादी वाले बेल्ट में रेडिमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री लगाकर रोजगार पैदा कर रहे हैं.
महिलाओं और रोजगार पर खास फोकस
मध्य प्रदेश के मुखंयमंत्री ने कहा कि खासतौर पर हमारा फोकस महिलाओं के रोजगार पर है. हमें सरकार की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगारपरक उद्योग स्थापित करवाना है. मुख्यमंत्री बनने से पहले मैं शिक्षा मंत्री भी रहा हूं, हमारा पूरा फोकस रोज़गारपरक शिक्षा पर है." उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि विकास दर 25 प्रतिशत चली गई है. सरकार का फोकस इसे बढ़ाने पर है. इसके लिए खेती के अलावा किसानों की आय किस तरह बढ़ाई जए, इस पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इसका बड़ा जरिया दूध उत्पादन हो सकता है, इसके लिए डेयरी प्लांट, कोरपोरेट और भारत सरकार के पशुपालन विभाग से भी बातचीत की जा रही है. सरकार दूध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. सीएम यादव ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से मध्य प्रदेश में उद्योगों की संभावनाएं भी अच्छी हैं. अलग-अलग तरह की इंडस्ट्रीज जैसे, बुंदेलखंड, मालवा में रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री लगाकर दूसरी इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
रोजगारपरक उद्योगों सरकार का फोकस
महिला आधारित रोजगारपरक उद्योगों पर सरकार का खास फोकस है. बड़ी मशीनों से सिर्फ उद्योगपति के लाभ के अलावा रोजगार के लाभ पर ध्यान दिया जा रहा है. हर जिले में अलग-अलग रीजनल कॉन्क्लेव करवाने का प्लान सरकार ने बनाया है, राज्य में इसे लेकर एक समिट हो चुका है. सीएम यादव ने कहा कि बड़ी इंडस्ट्रीज को राज्य में प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए मंत्रिमंडल स्तर की सबकमेटी भी बनाई गई है. इसका लाभ भी मिल रहा है. उद्योगों में एग्रो, टेक्सटाइल, माइनिंग, इन पर सरकार का क्लियर फोकस है. इनमें रेडीमेड गारमेंट्स भी शामिल है.
मध्य प्रदेश में मूर्तिशिल्प रोजगार की दिशा में बड़ा कदम
ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर हैं. महाकाल के महालोक बनने के बाद बड़े पैमाने पर लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन एफआरपी की प्रतिमा नहीं लगाई जानी चाहिए. इसे रिप्लेस करवाने के लिए मूर्तिशिल्प की एक कार्यशाला लगाई गई है. इसके बलबूते दो से चार साल में इस तरह की सभी मूर्तियां रिप्लेस कर दी जाएंगी. सीएम यादव ने कहा कि मूर्तिशिल्प के लिए सिर्फ जयपुर पर निर्भर होने के बजाय मध्य प्रदेश में इसे बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है. इससे नए उद्योग का रास्ता खुल गया है.
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