सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए कहा कि सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ SFIO जांच पर रोक लगाने वाला दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (Serious Fraud Investigation Office,SFIO) की जांच पर रोक लगाने वाले और सहारा प्रमुख के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर पर रोक के आदेश को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ये आदेश जारी करने में सही नहीं था. हाईकोर्ट ने ये आदेश जारी कर पूरी जांच को रोक दिया. हाईकोर्ट हमारी टिप्पणियों पर ध्यान दिए बिना रिट याचिका पर फैसला करेगा. गर्मी की छुट्टियों के बाद 2 महीने के भीतर हाईकोर्ट में मामले को तेजी से निपटाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसने पूरी जांच को विफल कर दिया है. इस तरह का आदेश सिर्फ असाधारण मामलों में दिया जाना चाहिए.
दरअसल हाईकोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस पर भी रोक लगा दी थी. सुनवाई के दौरान SFIO की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है. इससे मामले की जांच रुक गई है. हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जानी चाहिए.
वहीं सहारा समूह की ओर से कहा गया कि इस तरह SFIO कंपनियों की जांच नहीं कर सकता है. नियमों के मुताबिक एजेंसी को ऐसी कंपनियों की जांच की इजाजत नहीं है. ये सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने की है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट जांच एजेंसी SFIO की उस याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया था. जिसमें सहारा समूह की फर्मों को राहत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने सहारा समूह की नौ कंपनियों से संबंधित जांच को रोकने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर हाल में एक अन्य पीठ द्वारा रोक लगाने के संबंध में SFIO ने कुछ चिंताएं जताई हैं.
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