- अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टो लाम से मुलाकात की.
- उन्होंने वियतनाम को ऊर्जा, बंदरगाह व विमानन क्षेत्र में रीजनल लीडर बनाने के टो लाम के प्रयासों की सराहना की.
- गौतम अदाणी ने कहा कि हम भारत-वियतनाम आर्थिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं.
अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने बुधवार को वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टो लाम से मुलाकात की और कहा कि वे वियतनाम-भारत आर्थिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं. गौतम अदाणी ने वियतनाम को बंदरगाहों और ऊर्जा सहित सभी क्षेत्रों में एक रीजनल लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए टो लाम के साहसिक सुधारों और दूरदर्शी एजेंडे की भी सराहना की.
उद्योगपति गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव टो लाम से मिलना सौभाग्य की बात रही. एनर्जी, लॉजिस्टिक्स, बंदरगाहों और विमानन क्षेत्र में वियतनाम को एक रीजनल लीडर के रूप में स्थापित करने के उनके साहसिक सुधार और दूरदर्शी एजेंडा, उनकी असाधारण रणनीतिक दूरदर्शिता को दर्शाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम इस परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने और वियतनाम-भारत आर्थिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं.
वियतनाम 20वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
भारत और वियतनाम के बीच लंबे समय से व्यापारिक और आर्थिक संबंध हैं. वित्त वर्ष 2025 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15.76 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो सालाना आधार पर 6.40 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. वियतनाम को भारत का निर्यात 5.43 अरब डॉलर रहा जबकि वियतनाम से भारत का आयात 10.33 अरब डॉलर रहा. वित्त वर्ष 2024-25 में, वियतनाम भारत का 20वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और वैश्विक स्तर पर 15वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य (Export destination) रहा.
भारतीय राजदूत का दौरा, नेवी जहाजों का डेरा
वियतनाम में भारत के राजदूत संदीप आर्य ने पिछले हफ्ते टिएन सा पोर्ट का दौरा किया था. यह दौरा ऐसे समय हुआ, जब भारतीय नौसेना के जहाज दिल्ली, शक्ति और किल्टन वियतनाम के दा नांग में डेरा डाले हुए हैं. यह दोनों देशों के बीच हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री संबंधों को गहरा बनाने और समुद्री सहयोग को आगे बढ़ाने के प्रयासों को दर्शाता है.
इन जहाजों का वियतनाम दौरा भारत के 'महासागर' विजन के अनुरूप है और एक पसंदीदा साझेदार बनने की भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है. वियतनाम की यह यात्रा भारत-वियतनाम रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित, समावेशी समुद्री व्यवस्था को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर है.
दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी
इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की थी. वियतनाम इस साल जनवरी में ब्रिक्स का सदस्य बना था.
भारत और वियतनाम के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मधुर द्विपक्षीय संबंध हैं. प्रधानमंत्री मोदी की 2016 में वियतनाम यात्रा के दौरान दोनों देशों के आपसी संबंधों को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा दिया गया था. इससे पहले ये संबंध 'रणनीतिक साझेदारी' के रूप में थे.
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