लोकसभा अध्यक्ष कौन: ओम बिरला के सामने विपक्ष ने के.सुरेश को उतारा, हर समीकरण समझ लीजिए

स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर सत्ता और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई जिसकी वजह से ओम बिरला के सामने

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नई दिल्ली:

लोकसभा स्पीकर को लेकर मंगलवार को राजनीतिक गलियारों में जमकर सस्पेंस बना और ड्रामा चला. इसके बाद बात चुनाव तक आ पहुंची है. एनडीए ने ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं लोकसभा उपाध्यक्ष पद की मांग पूरी न होने पर विपक्ष ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है, दोनों ने नामांकन भर दिया है और कल सुबह 11 बजे स्पीकर पद के लिए मतदान होगा. लोकसभा अध्यक्ष चुनाव के हर अपडेट को आप यहां पढ़ सकते हैं.

तीसरी बार हो रहा है स्पीकर का चुनाव

यह पहली बार नहीं है जब लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हो रहा हो. पहली लोकसभा में 1952 में भी लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था,  हालांकि यह एक औपचारिकता भर था, क्योंकि तब कांग्रेस को बहुमत था. कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने जी वी मावलंकर का नाम स्पीकर पद के उम्मीदवार के तौर पर रखा था. वे 1946 से सैंट्रल लेजेस्लेटिव एंसेबली के स्पीकर थे. संसदीय कार्य मंत्री सत्यनारायण सिन्हा ने इसका समर्थन किया. वहीं एके गोपालन ने शंकर शांताराम मोरे का नाम स्पीकर पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित किया. टीके चौधरी ने इसका अनुमोदन किया था. बाद में मत विभाजन कराया गया. मावलंकर के पक्ष में 394 वोट आए जबकि विरोध में 55 वोट आए. दिलचस्प बात यह है कि शंकर शांताराम मोरे ने भी मावलंकर के पक्ष में वोट डाला. उन्होंने कहा कि यह संसद की परंपरा के अनुकूल होगा कि दो उम्मीदवार जो एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं वो एक-दूसरे को ही वोट दे रहे हैं. मैं इस परंपरा के अनुरूप आपको वोट देता हूं. दूसरी बार 1976 में आपातकाल के समय भी स्पीकर के लिए चुनाव हुआ था, तब बलीराम भगत और जगन्नाथ राव के बीच मुकाबला हुआ था. इसमें बलीराम भगत की जीत हुई थी. इस तरह स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह तीसरी बार है जब स्पीकर पद के लिए मुकाबला होगा.


खरगे हमारे वरिष्ठ नेता, कल से अब तक 3 बार बातचीत कर चुका हूं- राजनाथ सिंह

राहुल गांधी के आरोपों पर कि मल्लिकार्जुन खरगे से बोलने के बावजूद राजनाथ सिंह ने फोन नहीं किया. हमारे नेता का अपमान किया तो इस बयान पर राजनाथ सिंह ने कहा कि खरगे हमारे वरिष्ठ नेता हैं. कल से अब तक 3 बार फोन पर बातचीत कर चुका हूं.

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मुंबई में शरद पवार का बड़ा बयान

शरद पवार ने भी लोकसभा स्पीकर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने इंडिया अलाइंस को सुझाव दिया है कि लोकसभा स्पीकर का चुनाव निर्विरोध हो, ऐसा मेरा सुझाव है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए.

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लोकसभा का गणित

इस बार के चुनाव में बीजेपी ने अकेले के दम पर 240 सीटें जीती हैं. वहीं कांग्रेस 99 सीटें जीतनें में कामयाब रही थी. ये दोनों दल संसद में सबसे बड़े दल हैं. वहीं अगर गठबंधन की बात करें तो एनडीए के सदस्यों की संख्या 292 और इंडिया गठबंधन के सदस्यों की संख्या 234 हैं. विपक्षी गठबंधन को तीन निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन हासिल है. बाकी के सांसद किस धड़े का समर्थन करेंगे, अभी यह तय नहीं है.

ओम बिरला और के सुरेश आमने सामने

एनडीए की ओर से ओम बिरला और विपक्ष की ओर से कांग्रेस के के सुरेश ने नामांकन भर दिया है.

ओम बिरला का लगातार दूसरी बार स्पीकर बनना तय

  • मोदी 2.0 में भी लोकसभा स्पीकर रहे
  • पहले बलराम जाखड़ ही लगातार 2 बार स्पीकर
  • बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद
  • लगातार तीसरी बार लोकसभा पहुंचे  
  • 2003, 2008 में कोटा दक्षिण से विधायक 
  • 2013 में जीत की हैट्रिक लगातर विधायक
  • 1991 में BJYM के प्रदेश अध्यक्ष रहे
  • किसान और सामाजिक कार्यकर्ता 

कौन हैं के सुरेश?

  •  केरल की मवेलिकारा सीट से सांसद 
  • आठवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं
  • 1998 और 2004 में चुनाव हारे
  • 2012 से 2014 तक UPA सरकार में राज्यमंत्री
  • 2018 में केरल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष
  • AICC के सचिव भी रहे
  • 2024 में सीपीआई उम्मीदवार को हराया

विपक्ष शर्तों के साथ दबाव बना रहा था- ललन सिंह

ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष उपाध्यक्ष पद पर भरोसा चाहता था, लेकिन फिलहाल सत्ता पक्ष ने कहा कि वह बाद में देखेंगे, पहले आप अध्यक्ष पद पर समर्थन करें. इसके लिये विपक्ष तैयार नहीं हुआ. विपक्ष शर्तों के आधार पर दबाव बनाना चाहता था.

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एनडीए के नेता स्पीकर के प्रस्ताव का सेट जमा कराने पहुंचे

जेपी नड्डा अमित शाह तमाम एनडीए सहयोगियों के साथ स्पीकर के प्रस्ताव का सेट जमा करने के लिए लोकसभा महासचिव के कमरे में पहुंचे.

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मनोज झा बोले- हमने सरकार के सामने अपनी मांग रख दी है

आरजेडी लीडर और सांसद मनोज झा ने एनडीटीवी से कहा कि लोकसभा का डेप्युटी स्पीकर विपक्ष का होना चाहिए. हमने सरकार के सामने अपनी मांग रख दी है.

विपक्ष से नहीं बन पाई सहमति, अध्यक्ष पद के लिए उतारेंगे उम्मीदवार

बताया जा रहा है कि लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष में सहमति नहीं बनी. तो अब ये लगभग साफ है कि अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष भी अपना उम्मीदवार चुनाव में उतारने जा रहा है. विपक्ष की ओर से से कांग्रेस सांसद के सुरेश का नाम सबसे आगे चल रहा है.

डिप्टी स्पीकर के पद पर अड़ा विपक्ष, राहुल बोले- अब तक राजनाथ सिंह का फोन नहीं आया

राहुल गांधी ने कहा कि पूरे विपक्ष ने कहा है कि हम स्पीकर को सपोर्ट करेंगे, लेकिन डेप्युटी स्पीकर विपक्ष को मिलना चाहिए. राजनाथ जी ने कल कहा था कि वह खरगे जो को वापस फोन करेंगे.अभी तक उनका फोन नहीं आया है. हमारे नेता का अपमान किया जा रहा है. मोदी जी कहते कुछ हैं और कर कुछ रहे हैं. उनको अपनी रणनीति बदलनी ही पड़ेगी. वहीं अखिलेश यादव ने भी कहा है कि लोकसभा अध्यक्ष बीजेपी का हो लेकिन उपाध्यक्ष हमारा होना चाहिए.

राजनाथ सिंह के जरिए विपक्ष ने रखी उपाध्यक्ष पद की मांग

गौरतलब है कि विपक्ष ने राजनाथ सिंह के जरिए उपाध्यक्ष पद की मांग रखी है. हालांकि, राजनाथ सिंह ने अभी इस पर विपक्ष को कोई भरोसा नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि वो अपनी पार्टी और सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद अंतिम फैसला बताएंगे. बता दें कि विपक्ष ने अध्यक्ष पद के लिए एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया है. यदि एनडीए विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद नहीं देती है तो विपक्ष उपाध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार देगा. 

सरकार ने पहले विपक्ष से की थी बात

हालांकि, इससे पहले सरकार ने स्पीकर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से बात की थी. बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ भी सलाह मशविरा किया था. स्पीकर के चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की नोटिस देने की डेडलाइन आज 12:00 बजे है.

एनडीए आज स्पीकर का नामांकन करेगी दाखिल

 एनडीए के स्पीकर उम्मीदवार का नामांकन आज दाखिल कर दिया जाएगा. आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर एनडीए के सभी नेता एकत्रित होंगे और संसद भवन में एक साथ स्पीकर का नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए जाएंगे. 

दूसरा कार्यकाल पूरा किया तो ओम बिरला बना देंगे ये रिकॉर्ड

बता दें कि अगर ओम बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करते हैं तो सबसे लंबे समय तक लोकसभा अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड बना देंगे. इससे पहले एम ए अयंगर 6 साल  29 दिन, गुरुदयाल सिंह ढिल्लो 6 साल  1/2 महीने, बलराम जाखड़  9 साल 329 दिन तक लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं.

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