मध्य प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections Result 2023) में बीजेपी की प्रचंड जीत (BJP) के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. देश में जहां कांग्रेस (Congress) 3 राज्यों (कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना) में सिमटकर रह गई है. वहीं, अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने विपक्षी INDIA गठबंधन (INDIA alliance coordination) के लिए खतरे की घंटी है. विपक्षी गठबंधन की बुधवार यानी 6 दिसंबर को चौथी बैठक होने जा रही है. इस बैठक से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) बुधवार को होने जा रही इस मीटिंग में हिस्सा नहीं लेगी.
तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कांग्रेस ने 6 दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक रखी है. सूत्रों का कहना है कि 6 दिसंबर को होने वाली इस मीटिंग में ममता बनर्जी नहीं जा सकती, क्योंकि उनका पहले से कार्यक्रम तय है.
अब तक 3 बार हो चुकी है विपक्षी गठबंधन की बैठक
'INDIA' गठबंधन की पहली बैठक पटना में 23 और 24 जून को हुई थी. दूसरी बैठक बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई. तीसरी बैठक मुंबई में 31 सितंबर और 1 अक्टूबर को आयोजित की गई थी. अब कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को चौथी बैठक बुलाई है. उम्मीद है कि इस बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की योजना तैयार की जाएगी.
कांग्रेस की हार पर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
दरअसल, कांग्रेस की हार के बाद विपक्षी गठबंधन में सवाल उठने लगे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा कि ये जनता की नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है. ममता ने कहा, "कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है. वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जीत गए होते. अगर कुछ वोट INDIA गठबंधन की पार्टियों ने न काटे होते. लेकिन यह सच है. हमने सीट-बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था. वोटों के बंटवारे के कारण वे हार गए."
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों को उन क्षेत्रों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए, जहां बीजेपी का ज्यादा प्रभाव है.
क्यों अहम है ये बैठक?
INDIA गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की पिछले दिनों मुंबई में हुई अहम बैठक में अलायंस के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया था. ये गठबंधन के लिए अंतिम फैसले लेने वाली संस्था के तौर पर काम करेगी. 6 दिसंबर की बैठक में घटक दलों में शीट शेयरिंग को लेकर भी कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है.
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