लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) होने में 100 दिन से भी कम समय बचा है. एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बीजेपी (BJP) की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. दूसरी ओर, शुरुआती झटकों से लड़खड़ाते विपक्षी दलों के INDIA अलायंस में भी सीट शेयरिंग (INDIA Alliance Seat Sharing) का मुद्दा देर से ही सही, लेकिन सुलझता दिख रहा है. यूपी में बुधवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग की डील फाइनल हुई. अब दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेस-AAP के बीच डील फाइनल होती दिख रही है. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला दिया है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों के बीच दिल्ली में 4-3 फॉर्मूले को तैयार किया गया है.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो 7 लोकसभा सीटों वाले दिल्ली में कांग्रेस 3 और आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस को पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक सीट का ऑफर मिला है. वहीं, केजरीवाल की पार्टी पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, नई दिल्ली और दक्षिणी पश्चिमी सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारेगी.
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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अलावा तीन राज्यों और एक केंद्र शासित राज्य में भी सीटों का सौदा पक्का कर लिया है. AAP ने कांग्रेस के साथ दिल्ली, गुजरात, गोवा, हरियाणा और चंडीगढ़ (केंद्र शासित राज्य) में सीटों को लेकर डील की है. वहीं, पंजाब में दोनों ही पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ेगी. आइए जानते हैं केजरीवाल ने कैसे इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में सीटों का बंटवारा फाइनल किया.
दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटें कांग्रेस के खाते में
दिल्ली की लोकसभा सीटों के बंटवारे में जातीय समीकरण खासा ख्याल रखा गया है. कांग्रेस के खाते में उत्तर-पूर्वी, पूर्वी दिल्ली और चांदनी चौक सीटें जा रही हैं. इन तीनों सीटों पर कई विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है. चांदनी चौक लोकसभा में चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान मुस्लिम बहुल इलाके हैं. पूर्वी दिल्ली सीट के ओखला में मुस्लिम आबादी ज़्यादा है. इसके साथ ही उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीलमपुर, मुस्तफ़ाबाद, बाबरपुर में मुस्लिम ज़्यादा हैं.
AAP इन 4 सीटों पर उतारेगी कैंडिडेट
सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और दक्षिण दिल्ली सीट AAP के हिस्से में गई है. पश्चिमी दिल्ली से पूर्व सांसद महाबल मिश्रा प्रबल दावेदार हैं. महाबल मिश्रा कांग्रेस छोड़कर AAP में आए थे. महाबल मिश्रा के बेटे द्वारका से AAP के विधायक हैं. चूंकि, अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से विधायक हैं, लिहाजा ये सीट AAP ने अपने कोटे में रखी है.
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AAP-कांग्रेस के बीच इन राज्यों में भी हुई डील
AAP-कांग्रेस के बीच दिल्ली के अलावा गुजरात, गोवा, हरियाणा और चंडीगढ़ में डील हुई है. कौन दल कहां मज़बूत है, इस आधार पर सीटों का बंटवारा हुआ है. खबर है कि कांग्रेस ने गुजरात में भरूच और भावनगर लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को देने पर सहमति जताई है. वहीं, दक्षिण गोवा की सीट कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़ सकती है, जहां उसने पहले ही उम्मीदवार का ऐलान किया है. चंडीगढ़ सीट पर भी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी (AAP) समर्थन दे सकती है. पंजाब में अकेले लड़ने पर ही दोनों पार्टी में सहमति लगभग बन चुकी है. दोनों दल जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर घोषणा कर सकते हैं.
गुजरात की 2 सीटों पर AAP उतारेगी उम्मीदवार
गुजरात के भरूच से दिवंगत वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन AAP के विधायक चैतर वसावा की बढ़ती लोकप्रियता के चलते कांग्रेस ने ये सीट AAP को देने का फैसला किया. AAP वसावा को भरूच से चुनाव लड़ाना चाह रही है. वन विभाग के एक केस में वसावा गिरफ्तार हुए थे. फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. इसके अलावा भावनगर से AAP विधायक उमेश भाई मकवाना प्रबल दावेदार हैं.
चंडीगढ़ सीट कांग्रेस को, साउथ गोवा से उम्मीदवार वापस लेगी AAP
डील के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने चंडीगढ़ सीट कांग्रेस को दी है. चंडीगढ़ में 2019 में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. यहां कांग्रेस की मदद से AAP का मेयर है. AAP ने साउथ गोवा सीट से उम्मीदवार का ऐलान किया था. लेकिन डील के मुताबिक, AAP कांग्रेस के लिए यहां से अपना उम्मीदवार हटाएगी. वहीं, नॉर्थ गोवा से कौन चुनाव लड़ेगा, ये अभी तय नहीं है.
हरियाणा की 1 सीट पर AAP लड़ेगी चुनाव
कांग्रेस ने हरियाणा में AAP का वजूद स्वीकार किया है. कांग्रेस हरियाणा में AAP को एक सीट देने को तैयार है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, AAP गुरुग्राम या फरीदाबाद से अपने कैंडिडेट उतार सकती है. इसके अलावा पंजाब में अलग-अलग लड़ने का पहले ही ऐलान किया जा चुका है.