Candidate Kaun: लोकसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान विदिशा से हो सकते हैं BJP उम्मीदवार

विदिशा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह ज़िला कहा जाता है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत यहीं से की. 5 बार यहां से सांसद रहे हैं, अगर यहां से शिवराज चौहान उम्मीदवार बनते हैं तो हैरानी नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का नाम भी इस लिस्ट में है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
विदिशा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने 400 पार सीटें जीतने का टारगेट सेट कर दिया है. बीजेपी जहां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में लगी है. वहीं, विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में सीट शेयरिंग (INDIA Alliance Seat Sharing) को लेकर बात अभी फाइनल नहीं हो पा रही है. चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन AAP और समाजवादी पार्टी ने कुछ सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस बीच NDTV इंडिया की एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, बीजेपी मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan)को विदिशा लोकसभा सीट (Vidisha Loksabha Seat) से चुनावी मैदान में उतार सकती है.

मध्य प्रदेश के बीचों बीच बसे विदिशा जिले का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है. बौद्ध तीर्थ स्थल सांची जहां के स्तूप विश्व भर में जाने जाते हैं, वो इसी चुनावी क्षेत्र में आती है. यहां की आबादी करीब साढ़े 14  लाख है. 1984 में आखिरी बार यहां से कांग्रेस का उम्मीदवार चुना गया था. इसके बाद से यहां पर बीजेपी का दबदबा कायम है. 1989 से बीजेपी लोकसभा के चुनाव जीतती चली आई है. 

रमाकांत भार्गव का कट सकता है पत्ता
बीजेपी के रमाकांत भार्गव मौजूदा समय में विदिशा से सांसद हैं. 2019 के चुनाव में रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस के शैलेंद्र रमेश चंद्र पटेल को हराया था. इस सीट पर 12,50,244 वोट पड़े थे. रमाकांत भार्गव को 8,53,022 वोट मिले, जबकि कांग्रेसी उम्मीदवार शैलेंद्र रमेश चंद्र पटेल के खाते में 3,49,938 वोट गए. लेकिन इस बार इस सीट से रमांकात भार्गव का पत्ता कट सकता है.

ये नाम भी वेटिंग लिस्ट में
विदिशा में मुकाबला आमतौर से बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता है. इस बार दोनों पार्टियां किसे टिकट देंगी? ये अभी पूरी तरह तो तय नहीं है, लेकिन दोनों दलों के कई नाम इस मैदान में हैं. बीजेपी की बात करें, विदिशा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला कहा जाता है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत यहीं से की. 5 बार यहां से सांसद रहे हैं, अगर यहां से शिवराज चौहान उम्मीदवार बनते हैं तो हैरानी नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का नाम भी इस लिस्ट में है. संघ में उनकी अच्छी पकड़ है. वो यहीं के रहने वाले हैं और इस क्षेत्र में काफ़ी मेहनत भी की है. 

पीलीभीत लोकसभा सीट से खतरे में वरुण गांधी का टिकट? BJP इन पर लगा सकती है दांव

कांग्रेस से ये हो सकते हैं उम्मीदवार
विदिशा सीट पर बतौर उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी की नेता अनुमा आचार्य का नाम भी सामने आ रहा है. वो वायुसेना से रिटायर हो चुकी हैं. अनुमा आचार्य पहले आम आदमी पार्टी में थीं और अब विदिशा से टिकट की दावेदार हैं. 1980 से 84 तक विदिशा से कांग्रेस के सांसद रहे प्रतापभानु शर्मा का नाम भी वेटिंग लिस्ट में है. इसके अलावा कांग्रेस से विदिशा सीट पर प्रत्याशी के तौर पर पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल का नाम भी चर्चा में है.  

कानपुर नगर सीट (यूपी)
अब बात यूपी की कानपुर नगर सीट की करते हैं. ये सीट हमेशा चर्चा में रहती है. कानपुर नगर वो सीट रही है, जहां से कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों के ही बड़े दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़े हैं और जीत कर आए हैं. कांग्रेस नेता श्रीप्रकाश जायसवाल तीन बार यहां से सांसद रहे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी यहां से साल 2014 में जीते थे. सत्यदेव पचौरी कानपुर नगर से मौजूदा सांसद हैं, उन्होंने 2019 में कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था.

Advertisement
2019 के इलेक्शन में इस सीट पर कुल 8,42,994 वोट पड़े थे. इसमें सत्यदेव पचौरी को 4,68,937 वोट मिले और श्रीप्रकाश जायसवाल को 3,13,003 वोट मिले थे.

कानपुर नगर से सत्यदेव पचौरी को रिटेन कर सकती है बीजेपी 
हमारी ग्राउंड रिपोर्ट और जानकारी के हिसाब से बीजेपी कानपुर नगर सीट पर सत्यदेव पचौरी को रिटेन कर सकती है. लेकिन अभी ये कंफर्म नहीं है. इसके अलावा, बीजेपी दूसरे नामों पर भी विचार कर रही है. कानपुर नगर सीट पर महेश त्रिवेदी का नाम भी चर्चा में है. वो फिलहाल किदवई नगर से विधायक हैं. इसके अलावा गोविंदनगर से विधायक सुरेंद्र मैथानी का नाम भी इस रेस में है. दूसरी ओर विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक का नाम भी चर्चा में है. लोक गायिका मालिनी अवस्थी को भी इस सीट से टिकट दिया जा सकता है. 

कानपुर नगर में किसे मौका देगी कांग्रेस?
कानपुर नगर सीट पर कांग्रेस में भी कुछ नामों की चर्चा हो रही है. पहला नाम अजय कपूर का है, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. 2002 और 2007 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गोविंद नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. 2012 में उन्होंने कानपुर के किदवई नगर से विधानसभा चुनाव जीता. इसके अलावा कांग्रेस आलोक मिश्रा के नाम पर भी विचार कर रही है. आलोक मिश्रा को ज़मीन से जुड़ा नेता माना जाता है.

Advertisement

सपा से भी चर्चा में है एक नाम
वैसे यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सीट बंटवारे पर काम कर रही है. अभी कुछ फ़ाइनल नहीं हुआ है. अगर यहां से सपा अपना उम्मीदवार उतारती है, तो अमिताभ वाजपेयी को मौका मिल सकता है. पूर्व विधायक सतीश निगम का नाम भी चल रहा है.

"अखिलेश को खुद PDA पर भरोसा नहीं" : सपा छोड़ने वाले सलीम शेरवानी ने 'इंडिया' गठबंधन को बताया 'मजाक'

बागपत सीट (यूपी) 
यूपी की एक और बहुचर्चित सीट है बागपत. पश्चिम उत्तर प्रदेश की इस सीट से चौधरी चरण सिंह, उनके बेटे चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे चौधरी जयंत सिंह चुनाव लड़ चुके हैं. ये सीट इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये क्षेत्र किसानों का गढ़ माना जाता है. किसान वोट यहां बहुत मायने रखते हैं. राष्ट्रीय लोकदल यानी RLD की इस क्षेत्र में काफी पैठ मानी जाती है. अब तक तो ये माना जा रहा था कि RLD और समाजवादी पार्टी का गठबंधन चलेगा, लेकिन चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद समीकरण बदलते नज़र आ रहे हैं. 

Advertisement
इस सीट पर बीजेपी के सत्यपाल सिंह मौजूदा सांसद हैं. वो इस सीट से दो बार लगातार जीते हैं. हालांकि, 2019 में मुकाबला टक्कर का रहा था. 2019 में सत्यपाल सिंह ने RLD अध्यक्ष जयंत सिंह को हराया था. 2019 में 10,44,894 वोट पड़े थे. सत्यपाल सिंह को 5,25,789 वोट मिले और जयंत सिंह चौधरी को 5,02,287 वोट मिले थे.

सत्यपाल सिंह को तीसरी बार मौका दे सकती है बीजेपी
ग्राउंड से जो रिपोर्ट आ रही है, उसमें बीजेपी की ओर से दो बार के मौजूदा सांसद सत्यपाल सिंह का नाम उम्मीदवार की लिस्ट में सबसे आगे है. बीजेपी से संभावित उम्मीदवार के तौर पर इंजीनियर रामवीर सिंह का नाम भी सामने आ रहा है.

"वायनाड जाए बिना अमेठी से लड़कर दिखाएं..." :  स्मृति ईरानी की आम चुनाव से पहले राहुल गांधी को खुली चुनौती

Advertisement

जयंत सिंह चौधरी भी लड़ सकते हैं चुनाव
बात RLD यानी राष्ट्रीय लोकदल की करें, तो जयंत सिंह चौधरी एक बार फिर यहां से खुद चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. लेकिन अभी कुछ कन्फ़र्म नहीं है.

सपा से सीमा यादव को मिल सकता है मौका
इस सीट पर समाजवादी पार्टी से महिला सभा की ज़िलाध्यक्ष सीमा यादव का नाम सामने आ रहा है. इसके अलावा सपा के प्रदेश सचिव राजपाल शर्मा के नाम की भी चर्चा हो रही है.

अहमद हमीद को उतार सकती है कांग्रेस
बागपत सीट पर कांग्रेस से उम्मीदवार के तौर पर दो नाम चर्चा में हैं. पहला- अहमद हमीद, जो RLD छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. दूसरा नाम यूनुस चौधरी का आ रहा है, जो कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष भी हैं.
 

नई पार्टी बनाएंगे स्वामी प्रसाद मौर्य? अखिलेश यादव से रिश्ते पर बोले- मुझे नहीं, उन्हें मुझसे हुआ फायदा