अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) को लेकर बीजेपी (BJP) के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का काम तेजी से चल रहा है. बिहार के सीएम और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्ष के नेताओं को एक साथ लाने में जुटे हैं. इसके लिए वह बारी बारी से सभी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. हालांकि, कई छोटे दलों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों से बराबर की दूरी बना रखी है. इसके बाद भी नीतीश कुमार ने बड़ा दावा किया है. पटना में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने कि कहा कि उन्होंने सभी दलों से बात की है और वे साथ आन के लिए तैयार हैं. नीतीश कुमार ने कहा, 'अभी भी कुछ पार्टियों से बात करने की जरूरत है. वे सभी एक दूसरे से बात करेंगे.
नीतीश कुमार ने जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "बहुत जल्द ज्यादातर पार्टियां एक साथ आएंगी. मैंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से विस्तार से बात की है. हर कोई सहमत हो गया है. अब हम बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. मैंने कल सीपीआई से भी बात की थी. यह मेरा मिशन है कि सभी पार्टियां एक साथ बैठें और तय करें कि 2024 के चुनाव के लिए क्या करना है."
शरद पवार ने उजागर की थी गठबंधन की खामियां
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने कुछ दिन पहले NDTV के साथ एक खास इंटरव्यू में गठबंधन में दोषों को उजागर किया था. इसके बाद विपक्षी एकता में नए सिरे से कोशिश शुरू हुई. बुधवार को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ मीटिंग हुई.
केजरीवाल ने दिया समर्थन
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार उन पार्टियों से बात करने के लिए राजी हो गए हैं जो बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी पर रहती हैं. वह पहले भी अरविंद केजरीवाल से मिल चुके हैं. नीतीश से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, "मैं पूरी तरह से उनके साथ हूं. यह बहुत जरूरी है कि पूरा विपक्ष और देश एक साथ आएं और केंद्र में सरकार बदलें."
नीतीश कुमार पर ममता और केसीआर को मनाने की जिम्मेदारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भारत राष्ट्र समिति के चीफ के चंद्रशेखर राव और तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी को मनाने की जिम्मेदारी भी है. इन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस के साथ काम करने से इनकार कर दिया है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार के आउटरीच से उनके रुख में कोई बदलाव आएगा?
केसी त्यागी ने बताया क्या है 'नीतीश फॉर्मूला'?
जनता दल यूनाइटेड के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 में चुनाव जीतने का एकमात्र तरीका 'एक के खिलाफ एक नीति' का पालन करना है. इसका मतलब है कि बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ एक सीट और विपक्ष का एक उम्मीदवार." त्यागी ने NDTV से कहा, "यह कोई नया फॉर्मूला नहीं है. इस रणनीति ने 1977 और 1989 में अच्छे नतीजे दिए हैं. हालांकि, इन दोनों मामलों में कांग्रेस पार्टी दो साल के भीतर सत्ता में लौट आई."
फॉर्मूले पर विपक्ष की सहमति एक चुनौती
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि विपक्षी खेमे के कितने नेता एक सीट, एक उम्मीदवार के फॉर्मूले को मानने को तैयार रहते हैं. कांग्रेस के नासिर हुसैन ने कहा, "हम बैठेंगे और विभिन्न फॉर्मूलों पर चर्चा करेंगे. विचार यह है कि सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दल एक आम बैठक के लिए साथ आए." इस नीति के तहत नीतीश कुमार के डिप्टी तेजस्वी यादव को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है. अखिलेश यादव तेजस्वी के पारिवारिक मित्र और रिश्तेदार हैं.
ये भी पढ़ें:-
"2024 के लिए PM पद खाली नहीं": विपक्षी नेताओं के साथ CM नीतीश की बैठक पर गिरिराज सिंह का तंज
"हम सब एकजुट": विपक्षी एकता पर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार की मुलाकात