लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस लगातार अलग-अलग राज्यों में गठबंधन (Congress AAP Alliance) पर फोकस कर रही है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तो गठबंधन और सीट शेयरिंग पर तस्वीर साफ हो गई है. लेकिन पश्चिम बंगाल र जम्मू अभी भी कांग्रेस के लिए पहुंच से बाहर हैं. दरअसल ममता बनर्जी तो पहले ही कांग्रेस से गठबंधन से इनकार कर चुकी हैं. लेकिन कांग्रेस ने हिम्मत नहीं हारी है और वह अब भी गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठा है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर पहुंचे कांग्रे स महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सीट बंटवारे में समय लगता है, ये इतना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर जगहों पर सीटों का बंटवारा हो चुका है, केवल पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर बाकी हैं.
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बंगाल में गठबंधन पर क्या बोले जयराम रमेश?
जयराम रमेश ने कहा कि, विधानसभा चुनावों में हम एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं, लेकिन बीजेपी को हराने के लिए हम राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ हैं.टीएमसी INDIA गठबंधन का हिस्सा है. नीतीश कुमार और आरएलडी को हामरा साथ छोड़ने के बाद अब गठबंधन में 26 पार्टियां बची हैं. ममता बनर्जी और वाम दलों ने कहा है कि वे गठबंधन को मजबूत बनाना चाहते हैं. (पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर) आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और पार्टी आलाकमान लेंगे."
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 43 वां और उत्तर प्रदेश में यात्रा का आखिरी दिन है. आगरा में करीब 3 बजे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव यात्रा में जुड़ेंगे, इस दौरान वह राहुल गांधी के साथ एक संयुक्त सार्वजनिक संबोधन करेंगे. जयराम रमेश ने दोहराया कि कल उन्होंने कुछ समाजवादी नेताओं से कहा था कि 'सर पर लाल टोपी, पर दिल है कांग्रेसी'. उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन मजबूत है. कांग्रेस कार्यकर्ता समाजवादी नेताओं की मदद करेंगे और उनके कार्यकर्ता चुनाव में कांग्रेस की मदद करेंगे."
बंगाल में कांग्रेस-टीएमसी में कहां फंसा पेंच?
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन सकी है. कांग्रेस ने ममता बनर्जी के साथ कई बार सीट बंटवारे पर बात करनी चाही लेकिन ममता के रुख में कोई भी बदलाव नहीं है. टीएमसी ने साफ कर दिया कि वह बंगाल की सभी 42 सीटों पर अकले ही चुनाव लड़ेगी.
सूत्रों के मुताबिक, बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देना चाहती है. जबकि कांग्रेस ने अभी पांच सीटें मांग रही है. अपनी बात पर अडिग ममता बनर्जी का कहना है कि कांग्रेस ने साल 2019 में केवल दो सीटों पर जीत हासिल की थी, वही सीटें इस बार भी कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस बंगाल में पिछली बार जीती गई बरहामपुर और मालदा (दक्षिण) के अलावा बीजेपी के कब्जे वाली दार्जिलिंग, मालदा (उत्तर) और रायगंज और पुरुलिया सीटें चाहती है. हालांकि, इन सभी सीटों पर ममता बनर्जी के मानने की संभावना कम ही दिख रही है.
वहीं उत्तर प्रदेश में सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन तय हो गया है. सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं. वहीं दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने 7 में से 3 सीटें कांग्रेस को देने पर सहमति जताई है. लेकिन बंगाल और जम्मू अभी भी कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर है.
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