भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था लोकपाल को अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 391 शिकायतें भ्रष्ट्राचार को लेकर की गई. इसमें से 351 यानी कि 90 फीसदी मामले का निपटारा किया गया. बता दे की साल 2019 में लोकपाल बनाया गया.
आंकड़ों के मुताबिक दो शिकायत केन्द्रीय मंत्री और दो शिकायत पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ हुई है. लोकपाल के पास किसी भी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार है, जो प्रधानमंत्री है या रह चुका है, या केंद्र सरकार में कोई मंत्री है, या कोई सांसद है, साथ ही समूह ए, बी, सी और डी के अंतर्गत केंद्र सरकार के अधिकारी भी हैं.
आंकड़े में बताया गया है कि, अलग अलग ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ 52 शिकायतें मिली.लोकपाल ने बताया उसने कुल 270 मामलों का निपटारा किया. इसमें से चार मामले में उसने अभियोजन की स्वीकृति दी और पांच मामले में विभागीय जांच का आदेश दिया. वही 78 मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया. लोकपाल ने बता की, उसकी मिली कुल 270 शिकायतों में से 205 मामलों का निपटारा 3 महीने के अंदर कर दिया. सिर्फ 15 ऐसे मामले है जहां 1 साल से ज्यादा का समय लगा.