लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में इस बार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीजेपी के लिए 370 सीटों और अपने सहयोगियों के गठबंधन एनडीए के लिए 400 पार सीटों का टारगेट रखा है. इस टारगेट को हासिल करने के लिए बीजेपी दक्षिण भारत से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में पूरा जोर लगा रही है. क्योंकि उत्तर भारत में बीजेपी सैचुरैशन पॉइंट पर है. पूर्वोत्तर में बीजेपी को असम से काफी उम्मीदें हैं. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बीजेपी के लिए जोरशोर से प्रचार में जुटे हैं. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हिमंत बिस्वा सरमा ने मोदी की गारंटी, बीजेपी के प्रदर्शन, मोदी सरकार की उपबल्धियों पर खुलकर बात की. सरमा ने इस दौरान आरक्षण का मसला भी उठाया. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि डुप्लिकेट ओबीसी बनाना बीजेपी का काम नहीं है, ये तो कांग्रेस का काम है. मोदी सरकार में देश में कभी भी आरक्षण खत्म नहीं होगा.
NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं, "विपक्ष विहीन राज्य की शुरुआत असम से होकर चुकी है. यहां बीजेपी को जो समर्थन मिल रहा है, उसे कमजोर नहीं किया जा सकता. असम में आज के दिन किसी में इतनी ताकत नहीं है, जो बीजेपी का सामना कर सके."
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लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग की वजह गर्मी
हिमंत बिस्वा सरमा ने इस दौरान लोकसभा चुनाव के दो फेज में हुए कम वोटिंग टर्न आउट की वजह गर्मी को बताया है. उन्होंने कहा, "दोनों फेज की वोटिंग को लेकर तमाम तरह की बातें फैलाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के वोटर्स बूथ तक तो आ रहे हैं, लेकिन बीजेपी के मतदाताओं में उदासीनता है. मैं बता दूं कि अगर कांग्रेस के वोटर्स ही बूथ तक आ रहे हैं, तो कांग्रेस और राहुल गांधी को किस बात की चिंता है." राहुल गांधी को लेकर सरमा कहते हैं, "एक दल के नेता पोलिंग स्टेशन में वोटर आए या नहीं आए... इसपर बहस कर रहे हैं. इसके आधार पर अपनी पार्टी की जीत का दावा भी करते हैं. इससे ज्यादा हास्यास्पद और क्या होगा."
मेरी रैलियों में मुस्लिमों की भी होती है भीड़
मुस्लिम विरोधी नेता की छवि पर हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं, "मुसलमान समाज में अगर मैं आज एक रैली करने जाता हूं, तो वहां हिंदुओं की तुलना में ज्यादा भीड़ होगी. हिंदुओं की रैली में अगर 5 हजार लोग होंगे, तो मुस्लिम समाज की रैली में 10 हजार लोग आएंगे. इससे साफ है कि मेरी छवि मुस्लिम विरोधी नहीं है."
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असम में कोई सरकार की नीतियों को नहीं कर सकता चैलेंज
उन्होंने कहा, "किसी पार्टी के उम्मीदवार का चुनावी रैली में बयान देना अलग बात है और उसपर अमल करना या करवाना दूसरी बात होती है. असम में अभी कोई ऐसा शख्स नहीं है, जो सरकार की नीतियों को चैलेंज कर सकते हैं. कोर्ट से कुछ लेकर आए, ये अलग बात है. लेकिन कोई सीधे तौर पर सरकार की नीतियों को चैलेंज नहीं कर सकता. कोई ताकत या पैसे से खेलने की सोच रहा है तो ये सिस्टम अभी असम में नहीं है."
डीप फेक मामलों में किसी जिम्मेदार पार्टी का शामिल होना सही नहीं
गृहमंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो पर हिमंत सरमा ने कहा, "डीपफेक का मामला हमारे समाज में है. गृहमंत्री अमित शाह ने 7 महीने पहले ही इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. ये एक खतरनाक ट्रेंड है. लेकिन अगर डीपफेक के मामले में देश की कोई जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी भी शामिल हो जाए, तो ये और बड़ी चिंता की बात है. ये देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. अभी इस मामले को लेकर जांच शुरू हुई है, इसे हमें डीप (गहराई) तक लेकर जाना है. डीपफेक के मामलों में सख्त एक्शन की जरूरत है."
वंशवाद की राजनीति सही नहीं
हिमंत सरमा ने कहा, "किसी के परिवार को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस जिस पॉलिटिकल सिस्टम को रिप्रेजेंट करती है, वो सही नहीं है. भारत में दो लोकतांत्रिक पार्टियां बनें या तीन पार्टियां बने. जिसके अध्यक्ष किसी परिवार के सदस्य नहीं हो. बीजेपी इसी सिस्टम को बदलना चाहती है."
14 में से 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी
बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव में असम की 14 में से 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. शेष 3 सीटों में से 2 सीटें सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) और एस सीट यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ शेयर की गई है. यहां 3 फेज में वोटिंग कराए जा रहे हैं. पहले और दूसरे फेज की वोटिंग हो चुकी है. तीसरे फेज के लिए 7 मई को वोट डाले जाएंगे.
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