आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई एस शर्मिला ने शुक्रवार को यहां बडवेल निर्वाचन क्षेत्र के अमगमपल्ली से लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की. चुनावी प्रचार के तहत शर्मिला पहले दिन इटुकुलापाडु, वारिकुंतला, कलसापडु, पोरमामिला, पायलकुंतला और अन्य गांवों से गुजरेंगी, जहां वह भाषण देंगी और रात 10 बजे के आसपास अटलूर में अपने पहले दिन का समापन करेंगी.
अमगमपल्ली में एक छोटी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वाईएसआर (वाईएस राजशेखर रेड्डी) कांग्रेस के आदमी थे. उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कई कमाल किए. अब जगन मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने राज्य को भाजपा के हाथों में पहुंचा दिया.''
उन्होंने कहा कि राज्य के बंटवारे के समय आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने सहित कडप्पा इस्पात संयंत्र को लेकर भी वादे किए गए थे लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ. शर्मिला ने कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रमुख कारण वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को बताया आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस ने वाई एस विवेकानंद रेड्डी की कथित हत्या करने वाले लोगों को यह सीट आवंटित कर दी.
विवेकानंद रेड्डी खुद कडप्पा के पूर्व सांसद और राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई थे. उनकी 15 मार्च, 2019 को चुनाव के दौरान हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या का मामला अभी भी अनसुलझा है.
शर्मिला ने कहा, ‘‘हत्यारों को संरक्षण दिया जा रहा है. यह निंदनीय, दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण है. हत्यारों को फिर से कानून बनाने वाली संस्थाओं (संसद) में प्रवेश नहीं मिलना चाहिए.''
इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि दक्षिणी राज्य तभी विकसित होगा जब कांग्रेस सत्ता में आएगी. उन्होंने जगन मोहन रेड्डी को ‘भाजपा का गुलाम' करार दिया.
जनसभा को विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता नररेड्डी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धा विवेकानंद रेड्डी के हत्यारों और शर्मिला के बीच है. मेरे पिता की अंतिम इच्छा शर्मिला को सांसद बनाने की थी. विवेकानंद रेड्डी की अंतिम इच्छा पूरी होनी चाहिए.'' इस बीच, हाल ही में सत्तारूढ़ वाईएस कांग्रेस छोड़ने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री के कृपारानी आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) प्रमुख और वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), कांग्रेस और माकपा आंध्र प्रदेश में ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा हैं. आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 13 मई को होने हैं और मतों की गिनती चार जून को होगी.