लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के तीसरे चरण के तहत आज 12 राज्यों की 94 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें से बड़े प्रदेश और केंद्र में सरकार बनाने के लिहाज से चार राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक बेहद अहम हैं. यूपी को छोड़ दें तो बाकी के तीन राज्यों में एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है. यूपी में इस बार राहुल गांधी और अखिलेश यादव के गठबंधन का टेस्ट भी है.
उत्तर प्रदेश में आज 10 सीट, बिहार में 5 सीट, महाराष्ट्र में 11 सीट और कर्नाटक में 14 सीटों पर वोट पड़े.
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए कई राज्यों में अपना गढ़ बचाए रखने की परीक्षा है. प्रधानमंत्री के इस बार '400 पार' का नारा दिया है. उस लक्ष्य को पूरा करने में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक बड़ी भूमिका निभा सकता है. ऐसे में सवाल है कि क्या इस बार बीजेपी इन राज्यों में और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.
उत्तर प्रदेश से बीजेपी को बड़ी उम्मीद
यूपी में देश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा की सीटें हैं. 2019 में बीजेपी ने यहां 62 सीटों पर जीत हासिल की थी और सहयोगी अपना दल को 2 सीटें मिली थी. इस बार बीजेपी ने यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वहीं इस बार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. राहुल गांधी और अखिलेश यादव के इस बार यहां साथ आने से क्या असर पड़ेगा, ये तो 4 जून के नतीजों में ही साफ हो पाएगा.
2019 के मुकाबले 2024 में महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण बदले
महाराष्ट्र में 2019 में बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़ी थी, जिसमें बीजेपी को 23 और सहयोगी शिवसेना को 18 सीटें मिली थी, यानी कुल 48 सीटों में से 41 पर एनडीए गठबंधन की जीत हुई थी. लेकिन 2024 के चुनाव में पिछली बार के मुकाबले राजनीतिक समीकरण काफी बदल गया है. यहां शिवसेना और एनसीपी दो भागों में बंट गई है और दोनों पार्टियों का एक-एक भाग एनडीए और इंडिया गठबंधन के साथ है. ऐसे में बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषक भी सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं कि इस बार किसकी पलड़ा भारी है.
ऐसे में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक ये चार राज्य इस बार बहुमत के लिहाज से बेहद अहम हैं. अगर इन राज्यों ने करवट बदली तो एनडीए के लिए मुश्किल बढ़ सकती है और अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया, तो '400 पार' का लक्ष्य पूरा भी हो सकता है.